पुल निर्माण की परियोजना का विवरण
- निर्माण एजेंसी: विंध्यवासिनी कंस्ट्रक्शन
- पुल की लंबाई: 78.91 मीटर (तीन स्पैन में निर्माण)
- अनुमानित बजट: ₹5 करोड़ 1 लाख 77 हजार
- कार्य शुरू होने की तिथि: 11 मार्च 2023
- कार्य समाप्ति की तिथि: मार्च 2025
पिछले वर्ष जून-जुलाई 2023 में कार्य प्रारंभ होने के बाद बारिश के कारण निर्माण कार्य रोक दिया गया था। फिलहाल, निर्माण कार्य फिर से शुरू हो चुका है। लेकिन कार्य की गति और गुणवत्ता पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
स्थानीय लोगों के आरोप
- निर्माण स्थल पर इंजीनियरों की गैरमौजूदगी:
निर्माण स्थल पर विभागीय अभियंता या संवेदक की उपस्थिति नहीं रहती। - गुणवत्ताहीन सामग्री का इस्तेमाल:
ग्रामीणों का कहना है कि पुल निर्माण में गहराई के मानकों और गुणवत्ता का पालन नहीं किया जा रहा है। - नदी को भरकर पुल निर्माण:
अन्य पुलों के निर्माण में जहां डायवर्जन बनाकर कार्य किया जाता है, वहीं यहां नदी को भरकर पुल बनाया जा रहा है, जो तकनीकी रूप से गलत और खतरनाक है। - पेटी ठेकेदारी का मामला:
आरोप है कि विंध्यवासिनी कंस्ट्रक्शन ने यह काम पेटी ठेकेदारों को सौंप दिया है, जो इसे गंभीरता से नहीं ले रहे।
जांच में सामने आई खामियां
शुक्रवार को संवाददाताओं की टीम ने जब पुल का निरीक्षण किया, तो निम्नलिखित खामियां सामने आईं:
- निर्माण स्थल पर डीपीआर, प्राक्कलन या साइट रजिस्टर उपलब्ध नहीं था।
- कर्मियों ने जानकारी देने से इनकार किया और विभागीय अभियंता से संपर्क करने को कहा।
- विभागीय अभियंता प्रेमचंद झा ने बयान देने से इनकार किया और कनीय अभियंता से बात करने को कहा।
- कनीय अभियंता:
- काम की गुणवत्ता को सही बताया।
- बार-बार निरीक्षण की बात कही।
- लेकिन मिट्टी भराई कर पुल बनाने के आरोप को खारिज कर दिया।
ग्रामीणों की मांग
- ग्राम विकास समिति के संयोजक अनिल कुमार झा और सचिव वकील मुखिया ने अनुमंडल पदाधिकारी और जिला पदाधिकारी को आवेदन देकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
- उन्होंने यह भी कहा कि वे इस मामले को लोक शिकायत निवारण कार्यालय और उच्च न्यायालय तक ले जाएंगे।
निष्कर्ष
कमला नदी पर निर्माणाधीन पुल की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। बिहार सरकार और ग्रामीण कार्य विभाग को इस मामले में शीघ्रता से कार्रवाई कर निर्माण कार्य की जांच करनी चाहिए। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में पुल के ध्वस्त होने जैसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।