बिहार के डीजीपी आर एस भट्टी की पांच साल पुराने मामले में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पटना हाईकोर्ट की तरफ से उन्हें तलब किया गया हैं।
जमुई से जुड़ा अवमानना के इस केस में अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि 2020 में कोर्ट की ओर से इस मामले में आदेश पारित किया गया था। इसमें डीजीपी बिहार और पंजाब नेशनल बैंक को कार्रवाई करने का आदेश दिया गया था। पढ़िए पूरी खबर
हाईकोर्ट ने उन्हें सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया है। दरअसल ये मामला जमुई जिले के पंजाब नेशनल बैंक से जुड़ा हुआ है। इसमें लोन देने के मामले में नियमों की अनदेखी की गई थी। इस मामले में कोर्ट में याचिका दाखिल की गयी थी।
मामला, जमुई जिले के पंजाब नेशनल बैंक से संबंधित है। जिसमें एक लोन देने के मामले में नियमों की अनदेखी की गई थी। न्यायालय में याचिका दायर किए जाने पर कार्रवाई का आदेश दिया गया था। लेकिन, कोर्ट के आदेश के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई। उसके बाद अब कोर्ट ने राज्य के डीजीपी को तलब किया है।
कोर्ट की तरफ से कार्रवाई का आदेश भी दिया गया था। लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी मामले में जवाब देने के लिए कोर्ट ने डीजीपी आर एस भट्टी को तलब किया है।
जानकारी के अनुसार,पांच साल पहले यानि 2018 में याचिकाकर्ता चंद्रिकासिंह नामक व्यक्ति ने पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। उसने जमुई जिले के एक पंजाब नेशनल बैंक से लोन देने में नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया।
इस ममाले के सुनवाई जस्टिस पी बी बजनथ्री और जस्टिस अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने की। कोर्ट ने 2020 में इस मामले में फैसला सुनाया। कोर्ट ने तत्कालीन डीजीपी को कोर्ट पर कार्रवाई करने का आदेश दिया। लेकिन कोर्ट के आदेश के तीन साल बाद तक कोई कार्रवाई नहीं हुयी है। इस को लेकर कोर्ट ने DGP आर एस भट्टी को तलब किया है।
जानकारी के मुताबिक,पंजाब नेशनल बैंक से एक लोन देने के मामले में नियमों की अनदेखी को लेकर इस मामले में चंद्रिका सिंह नामक व्यक्ति के द्वारा याचिका दायर कराई गई थी।
जस्टिस पी बी बजनथ्री और जस्टिस अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने चंद्रिका सिंह की ओर से दायर अवमानना वाद पर सुनवाई की। वादी के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि जमुई जिले में पंजाब नेशनल बैंक की एक शाखा की ओर से नियमों की अनदेखी करके लोन दिया गया और पब्लिक के धन का दुरुपयोग किया गया।
यह मामला 2018 का है। इसे लेकर वादी चंद्रिका सिंह ने कोर्ट में याचिका दायर करके कार्रवाई की गुहार लगाई थी।