टीवी के मरीजों को सही समय पर दवा लेने के लिए डिजिटल तरीके से जागरूक किया जायेगा। इसके लिए जीत (ज्वाइंट एफर्ट फार एलिमिनेशन आफ टीबी प्रोजेक्ट) कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में टीबी रोगियों की खुराक पर नजर रखने के लिए मेडिकेशन ईवेंट एंड मॉनिटर रिमाइंडर (मर्म बॉक्स) तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा।
इसके लिए राज्य के दो जिले मोतिहारी और पूर्णिया को जीत कार्यक्रम के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित किया गया है। पहले टीबी के मरीजों को आरोग्य साथी एप से नजर रखा जाता था लेकिन अब इस नयी मर्म तकनीक से मरीज स्वयं अपने खुराक का ध्यान रखेगे।
आज जिला यक्ष्मा रोग विभाग के पदाधिकारी डा. रणजीत राय और जीत कार्यक्रम के जिला समन्वयक रंजन कुमार वर्मा ने टीबी रोगियों को संयुक्त रूप से मर्म बॉक्स देकर पायलट प्रोजेक्ट का जिले मे शुभारंभ करते हुए बताया कि इस नई तकनीक से टीवी के मरीजों को काफी राहत मिलेगी।
मर्म इलेक्ट्रानिक बॉक्स में टीवी की दवा होगी। जिसमें तीन अलग-अलग तरह की लाईट और अलार्म लगे है। जिसमे हरी लाईट और अलार्म बताता है कि मरीज के दवा खाने का समय हो गया है।
दवा खाने के लिए अगर मरीज बॉक्स को खोलता है तो उसे कम से कम बॉक्स को एक मिनट तक खुला छोड़ना चाहिए। इससे यह डिजिटल रिकॉर्ड में सेव हो जाता है। बॉक्स पर लगी पीले लाइट दवा खत्म होने का पता चलता है। वहीं अगर बॉक्स की बैट्री खत्म हो रही हो तो लाल लाइट और अलार्म से संकेत मिलता है।
उन्होने बताया कि अभी मर्म बॉक्स केवल नये मरीजों को हीं दिया जायेगा। इस कार्यक्रम के तहत टीवी की दवा के पीछे एक टॉल फ्री नंबर लिखा गया है। मरीज दवा खाने के बाद इस टॉल फ्री नंबर पर अपने निबंधित सेलफोन से कॉल कर दवा खा लेने की जानकारी दर्ज करा सकेगे।