बिहार में नामी कम्पनियों के नाम पर नकली दवा आपूर्ति करने वाले गिरोह का उत्तरप्रदेश के वाराणसी पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। इसके मुख्य सरगना को गिरफ्तार करते हुए नामी कंपनियों के नाम पर नकली दवा आपूर्ति करने वाले गिरोह का ना सिर्फ भंडाफोड़ किया है बल्कि महेशपुर मंड़ुवाडीह स्थित गोदाम में छापेमारी कर एसटीएफ टीम ने साढ़े सात करोड़ की नकली दवाओं का बड़ा जखीरा भी बरामद करते हुए यूपी और बिहार में फैले इस नेटवर्क को खंगालना शुरू कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, वाराणसी समेत पूर्वांचल के अन्य जिलों के साथ-साथ पटना, गया, पूर्णिया (बिहार), कोलकाता (पश्चिम बंगाल), हैदराबाद (आंध्र प्रदेश) आदि जगहों पर ये दवाइयां सप्लाई होती थीं।
वाराणसी में इसको लेकर बड़ी कार्रवाई की गई जब ब्रांडेड और नामी गिरामी कम्पनियों के नाम पर नकली दवा आपूर्ति करने वाले गिरोह का सरगना अशोक कुमार एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया। वाराणसी के सिगरा चर्च नगर कालोनी से बुलंदशहर सिकंदराबाद थाना क्षेत्र के टीचर्स कालोनी निवासी सरगना को गिरफ्तार किया गया है।
अशोक कुमार की निशानदेही पर साढ़े सात करोड़ की 300 पेटी नकली दवाएं महेशपुर मंडुआडीह स्थित गोदाम से बरामद हुई है। इसके अलावा लगभग चार लाख चालीस हजार रुपये, कूटरचित बिल और अन्य दस्तावेज भी गोदाम से टीम को मिला है।
गिरफ्तार सरगना से पूछताछ में टीम को जानकारी हुई कि बद्दी, हिमाचल प्रदेश की ब्रांडेड कंपनियों के नाम की नकली दवाएं बनवाकर वाराणसी में अवैध तरीके से स्टोर की गईं थीं।
मोनोसेफ ओ, गाबापिन एनटी, क्लावम 625, पैन डी, पैन 40, सेफ एजेड और टैक्सिम ओ जैसी दवा के नाम पर नकली दवाइयां मिली हैं। पिछले साल एसटीएफ टीम ने वाराणसी के रोहित नगर में एक मकान से 4 करोड़ की कोरोना की नकली वैक्सीन और टेस्टिंग किट पकड़ी थी।