Bihar Sand Mining: बिहार में अवैध बालू खनन का काला कारोबार इस कदर हावी है कि अब सरकारी अधिकारी भी इसकी भेंट चढ़ रहे हैं। गयाजी में एक वन अधिकारी पर बालू माफियाओं ने जानलेवा हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना बालू माफियाओं के बढ़ते दुस्साहस को दिखाती है, जहां कानून-व्यवस्था को चुनौती देने से भी वे नहीं हिचक रहे हैं।
गया में वन अधिकारी पर जानलेवा हमला: Bihar Sand Mining रोकने गए अधिकारी लहूलुहान
बिहार के गयाजी में अवैध बालू खनन रोकने पहुंचे वन विभाग के एक अधिकारी को बालू माफियाओं के क्रूर हमले का शिकार होना पड़ा। बताया जा रहा है कि माफियाओं ने डंडे से पीट-पीटकर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। यह घटना उस समय हुई जब अधिकारी अपनी टीम के साथ अवैध खनन गतिविधियों पर रोक लगाने के प्रयास में जुटे थे। अचानक हुए इस हमले से मौके पर अफरातफरी मच गई और अधिकारी को गंभीर चोटें आईं।
राज्य में देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें अवैध खनन एक गंभीर समस्या बन चुका है। माफिया बेखौफ होकर नदियों और अन्य स्त्रोतों से बालू का अवैध उत्खनन कर रहे हैं, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि राजस्व का भी भारी नुकसान हो रहा है। प्रशासन की ओर से लगातार कार्रवाई के दावे किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
Bihar Sand Mining: रोकने की कीमत, जान पर हमला
वन अधिकारी पर हुए इस जानलेवा हमले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बिहार में कानून का राज सचमुच स्थापित है? जिस तरह से माफिया खुलेआम सरकारी अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं, वह बेहद चिंताजनक है। घायल अधिकारी को तत्काल नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी की खबर नहीं है।
यह पहला मौका नहीं है जब बालू माफियाओं ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर हमला किया हो। इससे पहले भी कई बार पुलिस और वन विभाग के कर्मियों पर इस तरह के हमले हो चुके हैं, जिनमें कुछ मामलों में कर्मियों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। इस तरह के दुस्साहसिक कृत्य राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध खनन के पीछे एक बड़ा संगठित गिरोह काम कर रहा है, जिसे रोकने के लिए और कठोर कदम उठाने की जरूरत है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने की चुनौती
राज्य सरकार के लिए यह अवैध खनन एक बड़ी चुनौती है। बालू के अवैध कारोबार से जुड़े लोग बेहद शातिर होते हैं और वे अक्सर स्थानीय प्रशासन के कुछ तत्वों के साथ मिलकर अपने मंसूबों को अंजाम देते हैं। इस मामले में भी यह जांच का विषय है कि क्या अधिकारी पर हुए हमले के पीछे कोई अंदरूनी मिलीभगत तो नहीं थी। प्रशासन को चाहिए कि वह केवल ऊपरी तौर पर कार्रवाई न करे, बल्कि इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाए।
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि नदियों से बेतहाशा बालू का उत्खनन नदी पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा रहा है। इससे न केवल नदियों का जलस्तर प्रभावित हो रहा है, बल्कि आसपास के इलाकों में भूजल स्तर भी नीचे जा रहा है। साथ ही, इससे बाढ़ का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में, वन अधिकारी पर हुआ यह हमला केवल एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि पर्यावरण और समाज के लिए एक बड़ी चेतावनी भी है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले में कड़ी कार्रवाई कर एक मिसाल कायम करे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके।


