गया जिला में फतेहपुर प्रखंड के भारे पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय, दुब्बा में मंगलवार को पुराने भवन का छत गिर जाने के कारण जीविका समूह की सदस्य रेणु देवी की मृत्यु हो गई एवं अन्य चार दीदी एवं एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना में पांच जीविका दीदियों एवं अपने नानी के साथ आया एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। स्वजनों एवं ग्रामीणों की मदद से उन्हें इलाज के लिए सीएचसी फतेहपुर में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान जहां 45 वर्षीय जीविका दीदी रेनू कुमारी की मौत हो गयी। वहीं प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए अन्य घायलों को गया रेफर कर दिया गया।
जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम (Dr.Thyagarajan SM) के संज्ञान में आते ही
घायल दीदियों को समुचित उपचार के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को निर्देश दिया गया। साथ ही अनुमंडल पदाधिकारी, सदर, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, फतेहपुर एवं थानाध्यक्ष को स्थिति का जायजा लेने के लिए घटना स्थल पर जाने का निर्देश दिया गया।
डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम (Dr.Thyagarajan SM) ने दुर्घटना पर शोक व्यक्त करते हुए अंचलाधिकारी, फतेहपुर को निदेश दिया कि मृतक रेणु देवी के आश्रितों को चार लाख का मुआवजा राशि आज ही निर्गत की जाए।जानकारी मिलते ही सीओ अशोक कुमार, थानाध्यक्ष राहुल रंजन, बीडीओ परमानन्द पंडित अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और घटना के बारे में जानकारी ली।
पुलिस के मुताबिक ढुब्बा गांव की जीविका समूह की बैठक के लिए प्राथमिक विद्यालय के पुरानी भवन पर बैठक आयोजित किया गया था। बैठक के आधे घंटे के अंदर पूरी छत भरभरा कर गिर गई।घटना में पांच जीविका दीदियों का एवं अपने नानी के साथ आए एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया।
ग्रामीणों की मदद से उन्हें इलाज के लिए सीएचसी फतेहपुर में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान जहां 45 वर्षीय जीविका दीदी रेणु कुमारी की मौत हो गयी। वहीं प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए अन्य को गया रेफर कर दिया गया।
रेणु की मौत से टूट गया परिवार
जीविका दीदी रेणु की मौत में पुरा परिवार टूट गया। उसके पति के पहले से अपने स्वास्थ्य से जूझ रहे हैं। तीन बेटी एवं दो बेटों सहित पूरे परिवार की जिम्मेदारी रेणु देवी के ऊपर ही थी। उसके मौत से परिवार के सामने विकट समस्या उत्पन्न हो गयी।
भवन का निर्माण 1990 में
किया गया था। 32 साल पुराने भवन का इन दिनों प्रयोग पूरी तरह बंद था। हालांकि स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा स्कूल में धान सुखाने और कभी-कभी जीविका समूह की बैठक आयोजित की जाती थी। जिसमें गांव ही महिलाएं शामिल होती थीं। मंगलवार को मात्र सात महिला एवं एक बच्चा बैठक के दौरान छत पर था। एक कमरे का एक तिहाई हिस्सा पूरी तरह टूट कर गिर गया।