पटना | भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आए श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने मंगलवार को बिहार के बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की।
जय बाबा केदार..!
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बोधगया में भव्य स्वागत
महाबोधि मंदिर पहुंचने पर बोधगया मंदिर सोसायटी के सदस्यों ने राष्ट्रपति का जोरदार स्वागत किया।
राष्ट्रपति ने भगवान बुद्ध के दर्शन किए और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना संपन्न की।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
राष्ट्रपति के आगमन को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
- एयरपोर्ट से लेकर महाबोधि मंदिर तक अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।
- आम लोगों के लिए सड़क मार्ग को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था।
प्रशासनिक जानकारी
गया के जिलाधिकारी डॉ. त्याग राजन एसएम ने बताया कि राष्ट्रपति के आगमन को ध्यान में रखते हुए:
“मंगलवार सुबह साढ़े दस बजे तक आम श्रद्धालुओं के महाबोधि मंदिर प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। राष्ट्रपति के प्रस्थान के बाद श्रद्धालुओं को पुनः मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई।”
बोधगया: वैश्विक बौद्ध श्रद्धालुओं का केंद्र
बोधगया दिसंबर माह में दुनिया भर के बौद्ध श्रद्धालुओं का केंद्र बना रहता है।
- भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालु यहाँ विशेष यात्रा करते हैं।
- श्रीलंका के राष्ट्रपति की यह यात्रा भी इसी क्रम में महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रपति दिसानायके की पहली विदेश यात्रा
सितंबर माह में पदभार संभालने के बाद यह श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की पहली विदेश यात्रा है।
- बोधगया आने से पहले उन्होंने दिल्ली में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
- उनकी इस यात्रा को भारत-श्रीलंका संबंधों को और मजबूत करने के रूप में देखा जा रहा है।
महाबोधि मंदिर का महत्व
महाबोधि मंदिर विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Site) है। यह वह पवित्र स्थल है, जहाँ भगवान गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था।
श्रीलंका सहित कई बौद्ध देशों के श्रद्धालुओं के लिए यह तीर्थस्थल अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस यात्रा के माध्यम से भारत और श्रीलंका के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को और अधिक मजबूती मिलने की उम्मीद है।