बिहार शिक्षक भर्ती में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान कई अभ्यर्थियों द्वारा गलत प्रमाणपत्र सब्मिट किया गया था। इससे जुड़ी जानकारी सामने आने पर बिहार लोक सेवा आयोग के चेयरमैन अतुल प्रसाद ने अभ्यर्थियों को चेतावनी दी है। अतुल प्रसाद ने एक्स पर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
वहीं,बिहार में 1 लाख 70 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को बड़ी सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट आज टीचर बहाली मामले में बिहार सरकार की अर्जी पर सुनवाई करेगा।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच सुनवाई करेगी। इस मामले की सुनवाई पर बिहार में 1 लाख 70 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति का भविष्य इस सुनवाई पर टिका हुआ है।
जानकारी के अनुसार,अतुल प्रसाद ने ट्वीट में लिखा है कि ‘शिक्षक भर्ती के डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की जांच में पाया गया कि कई अभ्यर्थियों ने गलत प्रमाणपत्र जमा किये थे और डीवी के दौरान सही प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं किये थे।
इससे पता चलता है कि यह जानबूझकर किया गया था। यह डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया को रोकने का एक कारण हो भी सकता है या नहीं भी। लेकिन यह तय है कि इसके परिणाम गंभीर होंगे।
बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर बताया जा रहा है कि बिहार लोक सेवा आयोग कल 10 अक्टूबर को बीपीएससी टीआरई रिजल्ट जारी कर सकता है।
बिहार लोक सेवा आयोग माध्यमिक, उच्च माध्यमिक, प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में करीब 1.70 हजार पदों पर के लिए परीक्षा आयोजन किया गया था जिसमें करीब 6 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया था।
इधर, बिहार सरकार ने शिक्षक नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। यह मामला बीएड पास शिक्षक अभ्यर्थियों से जुड़ा है। बिहार लोक बीपीएससी ने करीब दो सप्ताह पहले ये तय किया था कि बीएड पास प्राइमरी (पहली से पांचवीं) टीचर नहीं बन पाएंगे।
इसके बाद शिक्षक भर्ती में शामिल 3 लाख 90 हजार बीएड पास कैंडिडेट्स के रिजल्ट पर रोक लगा दी गई थी। जिससे बीएड पास कैंडिडेट्स में काफी आक्रोश था और इसी को लेकर सरकार के तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी डाली गई थी। जिसके बाद अब इस मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगी।