Gopalganj News: गोपालगंज में नीलामी के नाम पर हुए ‘खेल’ की परतें अब उधड़ने लगी हैं, और जब जांच की आंच पटना से सीधे जिला उत्पाद कार्यालय पहुंची, तो बड़े-बड़ों के पसीने छूट गए। गुरुवार की शाम जिले में उस वक्त हड़कंप मच गया जब हाईकोर्ट के आदेश पर आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम ने दस्तक दी।
Gopalganj News: जानिए क्या है चोरी की स्कॉर्पियो और नीलामी का पूरा खेल
यह पूरा मामला एक याचिकाकर्ता राधेश्याम सिंह की शिकायत से जुड़ा है, जिनकी स्कॉर्पियो गाड़ी (रजिस्ट्रेशन संख्या JH01CJ-7840) पहले ही चोरी हो चुकी थी। आरोप है कि इसी चोरी की गाड़ी को गोपालगंज की टेंडर कमेटी ने बड़े ही शातिराना तरीके से नीलाम कर दिया। याचिकाकर्ता ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि नीलामी प्रक्रिया के दौरान अधिकारियों ने जानबूझकर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर बदल दिया ताकि असली मालिक तक इसकी भनक भी न लगे। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
जिला उत्पाद अधीक्षक अमृतेश कुमार ने भी इस कार्रवाई की पुष्टि की है। उनके अनुसार, नीलामी के कागजातों में स्कॉर्पियो का नंबर BR06PD-9070 दिखाया गया, जबकि अधिकारियों को गाड़ी के असली नंबर की पूरी जानकारी थी। इस फर्जी नंबर के आधार पर एक गलत व्यक्ति के नाम पर नोटिस जारी किया गया। जब वह व्यक्ति नोटिस पर उपस्थित नहीं हुआ, तो इसे आधार बनाकर वाहन जब्ती का आदेश पारित कर दिया गया और फिर गाड़ी को नीलाम कर दिया गया।
EOU ने खंगाले दस्तावेज, कई और नीलामियां भी जांच के दायरे में
याचिकाकर्ता ने इस पूरी प्रक्रिया को एक सोची-समझी साजिश बताते हुए पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए माननीय हाईकोर्ट ने आर्थिक अपराध इकाई को FIR दर्ज कर मामले की तह तक जाने का निर्देश दिया। इसी आदेश के अनुपालन में गुरुवार को जांच टीम गोपालगंज पहुंची। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। टीम ने उत्पाद कार्यालय से नीलामी प्रक्रिया, नोटिस जारी करने की प्रक्रिया, जब्ती आदेश और टेंडर कमेटी की भूमिका से जुड़ी सभी फाइलों को कब्जे में ले लिया है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
ईओयू के अधिकारियों ने घंटों तक दस्तावेजों की बारीकी से जांच की और कई महत्वपूर्ण अभिलेखों को अपने साथ पटना ले गई है। सूत्रों की मानें तो यह जांच सिर्फ एक गाड़ी तक ही सीमित नहीं रहेगी। तत्कालीन उत्पाद अधीक्षक राकेश कुमार के कार्यकाल में हुई अन्य वाहनों की नीलामियों को भी जांच के दायरे में लाया जा सकता है, जिससे इस मामले में कई और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।


