गोपालगंज। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि शराबबंदी का और कड़ाई से पालन किया जाएगा। बिहार के 6 जगहों पर ट्रकर्स स्कैनर दो माह के अंदर लगा दिया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री की सहमति मिल गई है।
इसके लिए विभाग तेजी से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि शराब मुक्त बिहार का सपना को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री कृतसंकल्पित है। सीमा से सटे चेक पोस्ट पर ट्रकर्स स्कैनर लगाए जाने से दूसरे प्रदेश से आने वाले वाहन का स्क्रीनिंग कर पता लगाया जाएगा कि वाहन में शराब तो नहीं जा रही है। इसमें गोपालगंज के बलथरी चेकपोस्ट पर ट्रकर्स स्कैनर लगाया जाएगा। जिससे शराब को पकड़ने में मदद मिलेगी।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि शराबबंदी को 5 वर्ष पूरे हो गए हैं और सरकार लगातार इसके सफल संचालन के लिए प्रयास कर रही हैं। परंतु पूर्ण रूप से शराबबंदी बिहार में सफल करने के लिए आम जनमानस का सहयोग जरूरी है। जब तक लोग अपने हृदय से शराब को दूर नहीं करेंगे तब तक पूर्ण रूप से सफलता हासिल नहीं हो सकती हैं।
सरकार और प्रशासन अपना काम कर रहा हैं। परंतु लोगों की भी जिम्मेदारी है कि लोग नशा से दूरी बनाए। इस दौरान उन्होंने बताया कि शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद सर्वाधिक करवाई पुलिस और उत्पाद विभाग के लोगों पर भी की गई है। इस कानून का उल्लंघन करने वाले 250 से ज्यादा पुलिस पदाधिकारियों पर भी सरकार ने कार्रवाई की है और आगे भी जो जिम्मेदार अधिकारी इस कानून का उल्लंघन करते हुए पकड़ा जाएगा उस पर भी सरकार सख्ती से कार्रवाई करेगी।
उन्होंने बताया कि बिहार में अब कई जिलों को ड्रोन कैमरा उपलब्ध करा दिया गया हैं। जहां दूरदराज के एरिया में ड्रोन कैमरा से भी शराब कारोबारियों पर नजर रखी जा रही है और इसका अच्छा रिजल्ट भी सामने आ रहा हैं। वहीं मंत्री ने बताया कि सरकार बहुत जल्द बिहार के बॉर्डर एरिया पर जो मुख्य मार्ग हैं वहां ट्रक स्कैनर लगाने जा रही है ताकि बड़े वाहनों को स्कैन कर पता लगाया जा सके कि उनमें शराब तो नहीं हैं।
मंत्री ने बताया कि लगातार शराब कारोबारियों पर कार्रवाई हो रही है। अब तक 500 से ज्यादा बाहर से बाहर के रहने वाले बड़े शराब कारोबारियों पर भी कार्रवाई की जा चुकी है और उनको जेल में डाला गया है इनमें से अधिकांश लोगों को सजा भी दी गई है।
सवाल के जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि बिहार में हुई जहरीली शराब कांड का शराब बंदी कानून से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि शराबबंदी कानून लागू होने से पहले भी बिहार में कई बार जहरीली शराब की घटनाएं हो चुकी हैं और आज भी जिन प्रदेशों में शराबबंदी लागू नहीं है, वहां भी जहरीली शराब की घटनाएं आ रही हैं।
क्योंकि जहरीली शराब बनाने वाले लोग ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में यह धंधा करते हैं और वह अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए अवैध शराब बनाने का काम करते हैं। ऐसे लोगों को बिहार में कड़ी से कड़ी सजा दी जा रही है गोपालगंज में भी कई लोगों को फांसी की सजा और उम्र कैद की सजा दी जा चुकी है।
उन्होंने आंकड़ा गिनाते हुए कहा कि शराबबंदी के पहले बिहार के जिले में मौते हुइ है जिसमें गोपालगंज में 18, भोजपुर में 21, गया में 12, सारण में 6,मोतिहारी में 5, कैमुर में 6, कटिहार में 33 लोगों की जाने जहरीली शराब पीने से चली गई।उन्होंने बताया कि लोगों की चिरपरिचित मांग कटेया बाईपास बनाने की थी। जिसको लेकर मैंने चुनाव के दौरान लोगों से कहा था कि ये काम बहुत जल्द होगा।
मुख्यमंत्री और पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन से मिलकर इसे बनाने के लिए कहा था। जिसपर 4.5 किलोमीटर को 7 करोड़ 50 लाख रूपए की लागत से वाइपास का काम जल्द शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में सेवा देने के बाद राजनीति में आए है। मैं काम पर विश्वास करता हूं। काम जब होगा तो मेरे बदले जनता बोलेगी। लोकतंत्र में जनता ही मालिक है।