एक नजर में युवा क्रांतिकारी खुदीराम बोस

खुदीराम का जन्म तीन दिसम्बर 1889 को पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले के बहुवैनी नामक गांव में कायस्थ परिवार में बाबू त्रैलोक्यनाथ बोस के यहाँ हुआ था। उनकी माताका नाम लक्ष्मीप्रिया देवी था। बालक खुदीराम के मन में देश को आजाद कराने की ऐसी लगन लगी कि नौवीं कक्षा के बाद ही पढ़ाई छोड़ दी और स्वदेशी आंदोलन में कूद पड़े। छात्र जीवन से ही ऐसी लगन मन में लिये इस नौजवान ने हिंदुस्तान पर अत्याचारी सत्ता चलाने वाले ब्रिटिश साम्राज्य को ध्वस्त करने के संकल्प में अलौकिक धैर्य का परिचय देते हुए पहला बम फेंका और मात्र 19 वें वर्ष में हाथ में भगवद गीता लेकर हँसते-हँसते फाँसी के फन्दे पर चढ़कर इतिहास रच दिया।
हाजीपुर। कल बुधवार को सोनपुर मंडल के मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर रेलखंड के मध्य खुदीराम बोस रेलवे स्टेशन पर स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का उत्सव ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव‘‘ के तहत् स्वतंत्रता पूर्व भारत के युवा शहीद खुदीराम बोस के स्मरणोत्सव कार्यक्रम का (Amrit will be spilled on Wednesday in the commemoration of young martyr Khudiram Bose of the country) आयोजन किया जाएगा।
इस अवसर पर बिहार विधान सभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, सांसद रामनाथ ठाकुर, सांसद प्रिंस राज, सांसद एवं सोनपुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक सहित अन्य अतिथिगण की उपस्थिति संभावित है।
कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह 11.00 बजे
कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह 11.00 बजे प्रातःफेरी के साथ किया जाएगा । इसी क्रम में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें सोनपुर, दानापुर, समस्तीपुर मंडल के सांस्कृतिक कार्यक्रम से जुड़ी टीम द्वारा भी अपनी प्रस्तुति दी जाएगी । संस्कृति मंत्रालय के सौजन्य से खुदीराम बोस की जीवनी पर आधारित एक प्रदर्शनी लगायी जाएगी साथ ही फिल्म का मंचन किया जाएगा।
जन-उत्सव के रूप में पूरे देश भर में मनाया जा रहा अमृत महोत्सव
आजादी का अमृत महोत्सव भारत की स्वाधीनता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए भारत सरकार की ओर से आयोजित किए जाने वाले अखिल भारतीय स्तर पर मनाए जाने वाले कार्यक्रमों की एक श्रृंखला है। यह महोत्सव जनभागीदारी की भावना में एक जन-उत्सव के रूप में पूरे देश भर में मनाया जा रहा है।
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