बिहार में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए सरकार हाई लेवल कमेटी बनाने पर विचार कर रही है। नीतीश सरकार इसको लेकर गंभीर है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए नए विकल्प पर विचार कर रहे हैं। इसी बाबत हाईलेवल कमेटी का गठन किया जा रहा है। ताकि फिर विवाद न हो।
जानकारी के अनुसार, शीघ्र हीं कमेटी गठन पर अंतिम निर्णय किया जाएगा। इस उच्चस्तरीय कमेटी में शिक्षा, पंचायती राज, वित्त और सामान्य प्रशासन विभाग के बड़े अधिकारियों को रखा जाएगा।
कमेटी इस बात पर विचार करेगी कि शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए कौन सी प्रक्रिया अपनाई जाएगी। कमेटी यह भी देखेगी कि इसमें कोई कानूनी अड़चन तो नहीं आ रही है। उम्मीद है कि मुख्य सचिव आमीर सुब्हानी के नेतृत्व में कमेटी का गठन हो सकता है।
इस उच्चस्तरीय कमेटी में शिक्षा, वित्त, पंचायती राज और सामान्य प्रशासन विभाग के आला अधिकारी शामिल किए जा सकते हैं। कमेटी इस बात पर मंथन करेगी कि नियोजित टीचरों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए कौन से रास्ते अपनाए जाएं।
कमेटी इस बात पर भी विचार करेगी की इस कार्य में कोई कानूनी अड़चन ना आए। कमेटी की सलाह पर बिहार सरकार अंतिम फैसला लेगी।
कमेटी की अनुशंसा के बाद राज्य सरकार अंतिम निर्णय लेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए नए विकल्प पर विचार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले शिक्षकों की हर डिमांड मान ली जाए। इसी को ध्यान में ऱखते हुए हाईलेवल कमेटी का गठन किया जाएगा। इससे बाद में विवाद न हो।
जानकारी के अनुसार, पांच अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ महागठबंधन के नेताओं की हुई बैठक के बाद नियोजित शिक्षकों को सरकार से काफी उम्मीदें हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री आवास पर हुई सभी दलों के प्रतिनिधियों की बैठक में इस पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वह सभी पहलुओं पर विचार कर रहे हैं, इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी जरूरी होगी।