Darbhanga Politics | Lok Sabha Elections 24 | दरभंगा का सांसद कैसा हो…सियासत चीज ही ऐसी है…जहां ये तस्वीर बोलती है, वहां वो तस्वीर बोलती है, नजरें कहीं होती है, जमाना कुछ और देखती है…जब मंच से नीचे@कार्यकर्ताओं के बीच बैठ गए थे ललन सिंह, कहा ये जा रहा था, पूछा ये जा रहा था, बताया ये जा रहा था, नारे यही लग रहे थे दरभंगा का सांसद कैसा हो…ये वही तस्वीर है…जब मंच से नीचे कार्यकर्ताओं के बीच बैठ गए थे ललन सिंह…
Darbhanga Politics News | और संजय कुमार झा और अली अशरफ फातमी अपने कार्यकर्ताओं को शांत…शांत
और संजय कुमार झा और अली अशरफ फातमी अपने कार्यकर्ताओं को शांत…शांत रहने की सलाह दे रहे थे। मगर यही सियासत है। यहां लड़ाई मुद्दों की नहीं। सत्ता और उसकी कुर्सी के लिए होती है। जनता मूक है। वह सबकुछ सुनती देखती रहती है लेकिन जब फूटती है, सरकार आकार ले लेती है…
Darbhanga Politics News | जहां अभी अभी अली अशरफ फातमी ने जदयू का दामन छोड़ दिया है…
जहां अभी अभी अली अशरफ फातमी ने जदयू का दामन छोड़ दिया है, लेकिन, क्योंकि इसकी शुरूआत तो वहीं हो गई थी जब श्री फातमी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मिलने विदेश गए थे जहां लालू प्रसाद की किडनी का इलाज हो रहा था। वहीं वो तस्वीर, दरभंगा की ये तस्वीर बयां क्या करेंगी, हकीकत के अफसाने कह भी रहे। गढ़ भी रहे जहां…दरभंगा की राजनीति बदल गई है।
Darbhanga Politics News | लेकिन तारीख था, 13 May 2023 जब दरभंगा JDU के कार्यकर्ता सम्मेलन में
आज से करीब-करीब एक साल तो नहीं लेकिन तारीख था, 13 May 2023 जब दरभंगा में JDU के कार्यकर्ता सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के सामने ही कुछ लोग संजय झा तो कुछ अली अशरफ फातमी के पक्ष में नारे लगाने लगे थे।
Darbhanga Politics News | अब इस 13 May 2024 को लोकसभा के दरभंगा में चुनाव होने हैं
अब इस 13 May 2024 को लोकसभा के दरभंगा में चुनाव होने हैं। उस दौरान ललन सिंह ने नारा लगाने से मना किया। लेकिन कोई नहीं माना। नारेबाजी चलती रही। जब कोई नहीं माना तब गुस्से में मंच से उतर कर नीचे आकर कार्यकर्ताओं के बीच बैठ गए थे ललन सिंह। उनके साथ संजय झा भी आकर नीचे बैठ गए।
Darbhanga Politics News | इस एक साल में बिहार की राजनीति, दरभंगा की राजनीति कितनी बदल गई
अब, भले ललन सिंह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं हैं। नीतीश कुमार के हाथों में कमान है। लेकिन,इस एक साल में बिहार की राजनीति, दरभंगा की राजनीति कितनी बदल गई। देखिए, पोलो मैदान में जदयू कार्यकर्त्ता सम्मेलन चल रहा था। जदयू के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और तत्कालीन जल संसाधन और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय झा पहुंचे थे। लेकिन वहां पहुंचते ही कार्यकर्ता जोर जोर से नारे लगाने लगे।
Darbhanga Politics News | “दरभंगा का सांसद कैसा हो…” जबरदस्त नारेबाजी
कार्यकर्ता सम्मेलन दो खेमे में बंट गए। एक गुट मो.अली अशरफ फातमी का था। दूसरा, संजय झा के लोग थे। मैदान एक ही था। मौजू एक ही था। “दरभंगा का सांसद कैसा हो…” जबरदस्त नारेबाजी। कोई कहता “फातमी साहब जैसा हो” तो कोई कहता “संजय झा के जैसा हो”। कार्यक्रम में जोरों से हंगामा आपको याद होगा।
Darbhanga Politics News | कार्यकर्ताओं की हरकत से नाराज होकर मंच से नीचे आकर कार्यकर्ताओं के बीच में जाकर बैठ गए
वैसे, तत्काल दोनों मो. अली अशरफ फातमी और संजय झा एक ही दल में थे। दोनों मंच पर थे। कार्यकर्ता मान नहीं रहे थे। शांत होने का नाम नहीं ले रहे थे। सो, थककर जब कार्यकर्ताओं ने नारा लगाना बंद नहीं किया तो ललन सिंह कार्यकर्ताओं की हरकत से नाराज होकर मंच से नीचे आकर कार्यकर्ताओं के बीच में जाकर बैठ गए।
Darbhanga Politics News | आप लोग किसी का नारा मत लगाइए इस पार्टी का नेता सिर्फ एक है उसका नाम है
बाद में ललन सिंह ने कहा था,आप लोग किसी का नारा मत लगाइए इस पार्टी का नेता सिर्फ एक है उसका नाम है नीतीश कुमार। पार्टी भी एक है जिसका नाम है जनता दल यूनाइटेड। हम सब उनके केयर टेकर हैं। चाहे वो हम हो या फ़ातमी जी हो। चाहे मदन सहनी हो या संजय झा या…। बस मामला यही या…पर रूका था, जो फंसकर आज बाहर निकला है।
Darbhanga Politics News | लेकिन नारे की तो शुरूआत पहले ही हो चुकी थी जब….”दरभंगा का सांसद कैसा हो…
वैसे, दरभंगा में ऐसे नारे पहले भी लगे थे। दरभंगा में जदयू कार्यकारिणी की बैठक में जब संजय झा पहुंचे तो वहां जदयू भी संजय झा के समर्थकों ने “दरभंगा का सांसद कैसा हो, संजय झा जैसा हो” के नारे लगाने शुरू कर दिए थे। इसी बात पर राजद छोड़ कर जदयू में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री अली असरफ फातमी बिफरे थे। उन्होंने कहा था, पार्टी की ओर से उम्मीदवारी की घोषणा से पहले इस तरह की नारेबाजी पार्टी के हित में नहीं है। पार्टी जो तय करेगी उसकी जीत के लिए हम सभी साथ मिलकर काम करेंगे।
Darbhanga Politics News | मैं ना किसी मस्जिद का इमाम हूं ना मैं किसी मंदिर का पुजारी। मैं भी सियासत करता हूं और मैं भी राजनीति में हूं
इससे, नाराज होकर अली असरफ फातमी ने कहा कि मैं ना किसी मस्जिद का इमाम हूं ना मैं किसी मंदिर का पुजारी। मैं भी सियासत करता हूं और मैं भी राजनीति में हूं। जब तक मेरे पैर कब्र में ना चले जाएं तब तक मैं राजनीति करता रहूंगा। उन्होंने कहा कि संजय झा और मैं, दोनों उम्मीदवार हैं। मैं भी प्रयास कर रहा हूं कि मुझे टिकट मिल जाए। मैं चार बार दरभंगा से लोकसभा का मेंबर रहा हूं। उन्होंने यह भी कहा कि मैं राजद छोड़कर जदयू में आ गया तो क्या मेरी हैसियत खत्म हो गई। ऐसी बात नही है।
Darbhanga Politics News | फिर 05 Feb 2023 की ये तस्वीर। जब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से
फिर 05 Feb 2023 की ये तस्वीर। जब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मिलने श्री फातमी सिंगापुर गए थे। गए ही नहीं थे बल्कि उनके 10 फरवरी को सिंगापुर से लौट सकते हैं कि जानकारी भी साझा की थी। बात तो यही शुरू हो गई थी कि राजद के पूर्व सांसद अली अशरफ फातमी ने राजद सुप्रीमो से मुलाकात के बाद राजद में ही घर वापसी करेंगे। जहां उस दौरान लालू के देश वापसी की चर्चा तेज हुई। वैसे ही ठीक अब, फातमी के राजद में वापसी की चर्चा तेज है।
Darbhanga Politics News | सिंगापुर की ये मुलाकात, आज, अब, कल, परसो में रंग लाने वाली है
जहां सिंगापुर की ये मुलाकात, आज, अब, कल, परसो में रंग लाने वाली है। ऐसा नहीं है कि नीतीश कुमार या जदयू को इसका भान नहीं रहा होगा। ठीक वैसे ही इल्म रहा होगा जैसे, बाहुबली आनंद मोहन के दरवाजे लालू प्रसाद के बंद मिलें और नीतीश के तभी खुल गए…तो ये राजनीति है। अब देखिए ना झारखंड में क्या हुआ…शिबू सोरेन की बहू बीजेपी में चली गईं यूं लगा मुलायम सिंह की बहू हो…बीजेपी वाली…।