बिहार के शिक्षकों को सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखनी होगी। ऐसा नहीं करने पर उनपर कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर माध्यमिक शिक्षा और उसके निदेशक ने गंभीर पत्र सभी जिलों को भेजा गया है। साथ ही एक कोषांग (If you are a teacher from Bihar and love social media, then be careful…?) का गठन किया गया है।
जानकारी के अनुसार, यह कोषांग शिक्षकों पर नजर रखेगी। देखती रहेगी कि कोई
सोशल मीडिया साइट, समाचार पत्र या टीवी के माध्यम से अर्नगल प्रचार-प्रसार तो नहीं कर रहा। ऐसा करने वाले शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मियों की पहचान कर यह कोषांग अनुशासनिक कार्रवाई करेगी।
जिला शिक्षा पदाधिकारियों को भेजे पत्र में कहा गया है कि निदेशक, माध्यमिक शिक्षा ने कहा है कि इस बात को लेकर सोशल मीडिया साइट, सामाचार पत्र आदि के अनुश्रवण के लिए एक कोषांग का गठन किया गया है। देखा जाएगा कि प्रारंभिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय के कुछ शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों की ओर से कहीं किसी सोशल मीडिया एवं अखबारों के माध्यम से अपने विचार तो नहीं प्रकट कर रहा।
इस क्रम में उनकी ओर से कभी-कभी राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना भी की जाती है एवं राज्य सरकार के नीतियों का विरोध भी किया जाता है। ऐसा किया जाना शिक्षा के क्षेत्र में शैक्षणिक माहौल को बेहतर करने में बाधा उत्पन्न करता है।
प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में शैक्षणिक माहौल बेहतर करने के उद्देश्य को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मियों के किसी भी संघ को मान्यता नहीं दी गई है। किसी भी शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मियों को किसी भी संघ का सदस्य बनने की मनाही है।
यदि किसी भी शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मियों की ओर से किसी भी संघ की स्थापना की जाती है या उसकी सदस्यता ली जाती है तो इसे गंभीर कदाचार माना जायेगा। उक्त शिक्षक कर्मी के विरूद्ध कठोर अनुशासनिक कार्रवाई की जायेगी।