बिहार सरकार राजस्व अधिकारियों का अधिकार क्षेत्र बड़ा करने जा रही है। अंचल अधिकारियों के साथ-साथ दाखिल खारिज करने का अधिकार राजस्व अधिकारियों को भी देने पर विचार किया जा रहा है। बिहार में दाखिल खारिज यानी म्यूटेशन को लेकर या नहीं व्यवस्था जल्द ही लागू कर दी जाएगी।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा है कि मध्यप्रदेश की तर्ज पर राज्य में दाखिल खारिज का कार्य अंचलाधिकारी से लेकर राजस्व पदाधिकारी को देने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने मध्यप्रदेश में राजस्व एवं भूमि सुधार को लेकर किए गए विभिन्न प्रावधानों को बिहार में अपनाने पर विचार किए जाने की बातें कही।
मध्यप्रदेश में जैसे तहसीलदार और नायब तहसीलदार राजस्व का काम करते हैं उसी तरह बिहार में अंचल अधिकारी और राजस्व अधिकारी को एक दूसरे का पूरक बनाया जाएगा। विभाग इस बात पर विचार करेगा कि दाखिल खारिज का काम अंचल अधिकारी से लेकर राजस्व अधिकारी को दे दिया जाए। फिलहाल बिहार में राजस्व अधिकारियों को जाति, आवास और आय के प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार दिया गया है।
मध्यप्रदेश में नायब तहसीलदार, तहसीलदार और अतिरिक्त तहसीलदार का पद है जो म्यूटेशन के अलावा विवादित बंटवारा का काम देखता है। वहां विवादित बंटवारा के बारे में 6 महीने में फैसला देने का नियम है जिसके खिलाफ अपील के लिए एसडीओ कोर्ट, कलेक्टर का कोर्ट और आयुक्त का कोर्ट है। यहां बंटवारा में विवाद होने पर निर्णय देने का अधिकार बीएलडीआर एक्ट में भूमि सुधार उप समाहर्ता को दिया गया है।
मध्यप्रदेश की तर्ज पर अलग कैडर पर भी होगा विचार
सिंह ने कहा कि इस पर भी विचार होगा कि जैसे मध्यप्रदेश में ग्राम पटेल-कोटवार से लेकर डिप्टी कमिश्नर लैंड रिकॉर्डस तक अधिकारियों का एक कैडर है वैसा अपने यहां कैसे खड़ा किया जाए। फिलहाल बिहार में डायरेक्टर लैंड रिकॉर्डस से नीच कोई सुव्यवस्थित कैडर नहीं है। सर्वे के समय जरूर बंदोबस्त पदाधिकारी, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी आदि की तैनाती की जाती है।
आम दिनों में लैंड रिकार्डस को लगातार अपडेट करने की समानांतर व्यवस्था यहां नहीं है। मध्यप्रदेश के ब्लॉक चेन की क्या बिहार में कोई उपयोगिता है या नहीं, विभाग इसपर भी विचार करेगा। मध्यप्रदेश के अधिकारियों से बातचीत से स्पष्ट हुआ कि वहां का कोटवार बिहार के चौकीदार के समतुल्य है। वहां कोटदार मध्यप्रदेश पुलिस रूल्स से गाइड होता किंतु राजस्व विभाग के नियंत्रण में काम करता है।
इधर, राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत राय ने इसकी घोषणा राजस्व अधिकारियों के एक डेवलपमेंट प्रोग्राम के दौरान खुद की है। मंत्री ने कहा है कि हम अब राजस्व अधिकारियों का कार्य क्षेत्र बढ़ाने जा रहे हैं।
वहीं, अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने कहा कि दिल्ली एवं एनसीआर में रहने वाले बिहारियों को विभाग द्वारा शुरू की गई नई ऑनलाइन सेवाओं के बारे में जानकारी देने और बिहार में चल रहे सर्वे कार्य में उनकी भागीदारी बढ़ाने के मकसद से जमीनी बातें सीजन-2 का आयोजन नई दिल्ली में होगा। यह आयोजन 30 और 31 अक्टूबर को द्वारका में बने नवनिर्मित बिहार सदन में होगा।
इतना ही नहीं राजस्व अधिकारियों के पुराने बैच को अब अंचल अधिकारी में प्रोन्नति भी दी जाएगी। राज्य सरकार को 566 राजस्व अधिकारियों के साथ-साथ 1764 नियमित अमीन नियुक्ति प्रक्रिया के बाद मिल चुके हैं। इस महीने 868 विभाग को 4400 राजस्व कर्मचारी मिल जाएंगे।
मंत्री रामसूरत राय ने कहा है कि राजस्व अधिकारियों को जाति आवास एवं आय प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार देने पर पहले ही फैसला किया जा चुका है और इन सभी अधिकारियों को अपने डोंगल से काम करने का अधिकार होगा। राजस्व अधिकारियों के लिए नया डोंगल बनवाया जा रहा है। सभी राजस्व अधिकारियों को वाहन की सुविधा भी दी जाएगी।
रामसूरत राय ने कहा कि अंचल अधिकारियों के पास पहले से ही काफी ज्यादा दायित्व हैं। इसलिए उनके कार्यों को अब अधिकारियों के पास अधिकृत किया जाएगा। सरकार को 566 राजस्व अधिकारियों के साथ-साथ 1764 नियमित अमीन नियुक्ति प्रक्रिया के बाद मिल चुके हैं। इस महीने 868 विभाग को 4400 राजस्व कर्मचारी मिल जाएंगे।