जेल की बैरक में फांसी के फंदे पर महिला सिपाही की झूलती लाश मिलने से सनसनी है। वजह है,…आखिर क्या चल रहा है पुलिस विभाग में? जहां-21 दिनों में 3 खुदकुशी के साथ सवाल यही है, आखिर जहानाबाद पुलिस में मौतों का सिलसिला क्यों नहीं थम रहा?
जहानाबाद मंडल कारा में महिला सिपाही ने की आत्महत्या, एक महीने में तीसरी घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप
जहानाबाद जिले के काको मंडल कारा में तैनात महिला सिपाही ने बुधवार देर रात बैरक में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से जेल प्रशासन और पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। एक महीने के भीतर जिले में यह पुलिस विभाग से जुड़ी तीसरी आत्महत्या की घटना है, जिसने सुरक्षा व्यवस्था और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
महिला सिपाही की पहचान कटिहार निवासी शिवानी के रूप में हुई
मृत महिला सिपाही की पहचान कटिहार जिले की रहने वाली शिवानी के रूप में हुई है, जो पिछले एक वर्ष से काको मंडल कारा में ड्यूटी कर रही थीं। घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस के वरीय अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच में जुट गए हैं। परिजनों को सूचना दे दी गई है और उनके पहुंचने के बाद आगे की जानकारी ली जाएगी।
परिजनों में मचा कोहराम, आत्महत्या के कारणों की जांच जारी
घटना की सूचना मिलते ही परिजनों के बीच कोहराम मच गया है। फिलहाल आत्महत्या के कारणों का कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और महिला सिपाही की व्यक्तिगत और ड्यूटी से जुड़ी स्थितियों को खंगाला जा रहा है।
एक महीने में तीसरी आत्महत्या की घटना
21 अप्रैल: वाणावर पर्यटक थाना में तैनात एएसआई परमेश्वर पासवान ने थाना परिसर स्थित क्वार्टर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। 11 मई: पुलिस लाइन स्थित बैरक में सिपाही बिनोद चौधरी ने अपने सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। 15 मई: काको मंडल कारा में महिला सिपाही शिवानी ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
पुलिस विभाग के अंदरूनी हालात पर उठे सवाल
लगातार आत्महत्या की घटनाओं से यह स्पष्ट है कि पुलिस विभाग के जवानों में मानसिक दबाव और तनाव की स्थिति चिंताजनक है। अब यह जरूरी हो गया है कि पुलिसकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाए और समय रहते उनकी समस्याओं का समाधान निकाला जाए।