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दिसम्बर, 24, 2025

जहानाबाद में ‘श्रम कानून संशोधन’ के खिलाफ मजदूरों का हुंकार: सड़कों पर उतरे संगठन

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Labor Law Amendment: बिहार की धरती एक बार फिर आंदोलनों का गवाह बनी है, जहां बदलाव की हवाओं ने मजदूरों के हक की लड़ाई को नया रंग दिया है।

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जहानाबाद में ‘श्रम कानून संशोधन’ के खिलाफ मजदूरों का हुंकार: सड़कों पर उतरे संगठन

श्रम कानून संशोधन: मजदूरों की मांगों को लेकर आक्रोश

जहानाबाद जिला मुख्यालय में वामपंथी संगठनों, मनरेगा से जुड़े कार्यकर्ताओं और ग्रामीण मजदूरों ने मिलकर श्रम कानूनों में हो रहे संशोधनों के खिलाफ जोरदार विरोध मार्च निकाला। यह प्रदर्शन मजदूरों के अधिकारों को संरक्षित रखने की एक मुखर पुकार थी।

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प्रदर्शनकारियों का कहना था कि केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे श्रम कानून संशोधन सीधे तौर पर मजदूरों के हितों पर कुठाराघात कर रहे हैं। इन संशोधनों से न सिर्फ उनकी सामाजिक सुरक्षा खतरे में पड़ रही है, बल्कि उन्हें मिलने वाले न्यूनतम मजदूरी और काम के घंटे जैसे बुनियादी अधिकार भी प्रभावित हो रहे हैं। जहानाबाद की सड़कों पर उतरकर इन संगठनों ने सरकार से इन संशोधनों को वापस लेने की मांग की। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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विरोध मार्च में मनरेगा मजदूर भी बड़ी संख्या में शामिल थे। उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि कैसे ये बदलाव उनके जीवनयापन को और कठिन बना सकते हैं।

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एकजुटता और भविष्य की रणनीति

जहानाबाद शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए यह मार्च जिला कलेक्ट्रेट तक पहुंचा, जहां एक सभा का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि ये संशोधन कॉर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए किए जा रहे हैं, जबकि आम मजदूर हाशिए पर धकेले जा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो यह आंदोलन और भी व्यापक रूप लेगा।

प्रदर्शनकारी नेताओं ने यह भी घोषणा की कि वे राज्यव्यापी स्तर पर अन्य मजदूर संगठनों के साथ मिलकर एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे। इस विरोध प्रदर्शन में शामिल सभी लोगों ने एक सुर में ‘मजदूर एकता जिंदाबाद’ के नारे लगाए। यह महज एक दिन का विरोध नहीं, बल्कि मजदूरों के लंबे संघर्ष की एक नई शुरुआत है। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा मजदूर पहले से ही कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, और इन श्रम कानूनों में बदलाव उनकी स्थिति को और दयनीय बना सकते हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। आने वाले दिनों में मजदूरों के मुद्दों पर सरकार और संगठनों के बीच टकराव की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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