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दिसम्बर, 25, 2025

बिहार पॉलिटिक्स: जीतन राम मांझी का उपेंद्र कुशवाहा को सख्त संदेश, धार्मिक सद्भाव पर भी रखी अपनी राय

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Bihar Politics: राजनीति के अखाड़े में बयानों के तीर अक्सर चलते रहते हैं, लेकिन जब कोई बड़ा चेहरा सीधी बात कहे तो उसके मायने गहरे हो जाते हैं। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने हाल ही में अपने तीखे तेवरों से सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है, खासकर अपने एनडीए सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा और धार्मिक मुद्दों पर।

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केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और बिहार पॉलिटिक्स में उनकी राय

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने धार्मिक सद्भाव और राजनीतिक मर्यादा पर कई अहम बयान दिए हैं। उनका मानना है कि किसी भी धार्मिक स्थल के सामने अन्य धर्म के पाठ या प्रार्थना करना उचित नहीं है। मांझी ने बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों में हिंदुओं पर हो रहे कथित अत्याचारों पर भी अपनी गहरी चिंता और दुख व्यक्त किया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह बयान ऐसे समय आया है जब देश में धार्मिक सहिष्णुता और आपसी सम्मान का मुद्दा संवेदनशील बना हुआ है।

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राज्यसभा सीट के संदर्भ में चल रही अटकलों पर भी जीतन राम मांझी ने अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को लेकर किसी तरह की भ्रम की स्थिति नहीं होनी चाहिए। राजनीतिक गलियारों में चल रही इन राजनीतिक बयानबाजी को लेकर उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया।

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यह भी पढ़ें:  बिहार पॉलिटिक्स: जीतन राम मांझी ने उपेंद्र कुशवाहा को दी सीधी चेतावनी, धार्मिक स्थलों पर भी खुलकर बोले

एनडीए के घटक दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा को नसीहत देते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि पहले मिले लाभ पर किसी को भी एतराज नहीं होना चाहिए। इस बयान को कुशवाहा की हालिया राजनीतिक गतिविधियों और संभावित सीटों को लेकर चल रही चर्चाओं से जोड़कर देखा जा रहा है। मांझी के इस कथन को राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है, जो गठबंधन के भीतर की अंदरूनी खींचतान को भी दर्शाता है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

धार्मिक मुद्दों पर मांझी की दो टूक और गठबंधन की सियासत

मांझी ने अपने बयानों से न सिर्फ धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय रखी है, बल्कि गठबंधन की राजनीति में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। उनके अनुसार, किसी भी नेता को अपने पूर्व में प्राप्त अवसरों को लेकर असंतोष व्यक्त नहीं करना चाहिए। यह टिप्पणी एनडीए सहयोगियों के बीच भविष्य की सीटों के बंटवारे और राजनीतिक प्रभाव को लेकर चल रही चर्चाओं को दिशा देने वाली हो सकती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

कुल मिलाकर, जीतन राम मांझी के हालिया बयान कई मायनों में महत्वपूर्ण हैं। ये न केवल उनकी अपनी पार्टी के रुख को दर्शाते हैं, बल्कि बिहार की राजनीति में उनके प्रभाव और धार्मिक-सामाजिक मुद्दों पर उनकी मुखरता को भी उजागर करते हैं। इन बयानों का बिहार की राजनीति पर क्या असर होगा, यह आने वाले समय में देखना दिलचस्प होगा।

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