कटिहार। पिछले तीन दिनों तक हुई लगातार बारिश की वजह से एक ओर गंगा, महानंदा एवं इसके सहायक नदियों का जल स्तर में बढ़ोतरी हुई है तो दूसरी तरफ धान फसल खेतों में धराशाई हो रहा है।
इससे धान फसल में भारी नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। जिले के कदवा, आजमनगर, प्राणपुर तथा अमदाबाद प्रखंड से होकर गुजरने वाली महानंदा नदी के जलस्तर में बीते शाम 06 बजे से आज (गुरुवार) सुबह 06 बजे तक बारिश की वजह से खतरे की निशान को पार कर गया है।
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, कटिहार से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार सुबह 06 बजे महानंदा नदी झौआ में 30.95 मी. से बढ़कर 31.50 मी. पर बह रही है। इसी तरह बहरखाल में 30.80 मी. से बढ़कर 31.50, आजमनगर में 29.80 मी. से बढ़कर 30.20, धबोल में 29.15 मी. से बढ़कर 29.55 मी., कुर्सेल में 29.95 मी. से बढ़कर 30.20, दुर्गापुर में 27.75 मी. से बढ़कर 28.30, तथा गोविंदपुर में 25.97 मी. से बढ़कर 26.28 मी. पर बह रही है।
जिले में कुर्सेला, मनिहारी व अमदाबाद प्रखंड से होकर गुजरने वाली गंगा नदी रामायणपुर में 24.91 मी. से बढ़कर 24.94 मी. तथा काढ़ागोला घाट में 28.91 मी. से बढ़कर 29.01 मी. पर बह रही है। जबकि ब्रांडी नदी एनएच-31 डूमर के पास 29.72 मी. से बढ़कर 29.75 मी., कारी कोशी चैन 389 के पास 26.70 मी. से बढ़कर 26.80 मी. तथा कोसी नदी कुर्सेला रेलवे ब्रिज के पास 28.32 मी. से बढ़कर 28.40 मी. पर बह रही है। नदियों के घटते बढ़ते जलस्तर की वजह से जिले के कई इलाके में कटाव बढ़ गयी है।
कदवा प्रखंड के माहीनगर प्राथमिक विद्यालय भवन का पिछला भाग कटाव की चपेट में आने से भवन का नीव पूरी तरह कट गया है कभी भी यह स्कूल महानंदा की गर्भ में विलीन हो सकता है। कदवा के ही विजारा ढलान के पास महानंदा नदी का कटाव काफी अधिक है कभी भी बांध टूटने की आशंका से ग्रामीणों में डर का माहौल बना हुआ है।
गंगा, कोसी, बरंडी नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से खासकर कुर्सेला, बरारी, अमदाबाद, मनिहारी आदि क्षेत्रों के लोगों में संभावित बाढ़ को लेकर दहशत व्याप्त हो गया है। इस बीच बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल ने दावा किया है कि जिले के सभी तटबंध सुरक्षित है।