खगड़िया शहर के सूअरों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर रोग की पुष्टि होते ही सूअरों को मारने का फैसला लिया गया है। शनिवार को जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सूअरों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर रोग की पुष्टि होने के उपरांत इनफेक्टेड जोन जयप्रकाश नगर, खगड़िया सदर के 1 किलोमीटर की परिधि में सूअरों को उच्चस्तरीय टीम के निगरानी में मारने का निर्णय लिया गया।
सूअर पालकों को मुआवजा देने के लिए दर एवं प्रक्रिया निर्धारित है और इसके लिए राशि की प्रतिपूर्ति पशुपालन निदेशालय, बिहार द्वारा की जाएगी। अफ्रीकन स्वाइन फीवर की रोकथाम हेतु उच्चस्तरीय टीम के निगरानी में जयप्रकाश नगर के इनफेक्टेड जोन के 1 किलोमीटर परिधि में आने वाले सभी ग्रामों/वार्डों में सूअरों को मारा जाएगा।
अगर इनफेक्टेड जोन के सूअरों को नहीं मारा जाएगा, तो इस रोग का विस्तार खगड़िया के सभी प्रखंडों में होने की संभावना है। इनफेक्टेड जोन से 10 किलोमीटर के परिधि में स्थित क्षेत्र को सर्विलांस जोन मानते हुए अगले 3 माह तक सर्विलांस हेतु नमूनों का संग्रहण कर जांच हेतु संस्थान को उपलब्ध कराना है।
पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, बिहार, पटना से आए उच्च स्तरीय जांच दल द्वारा जयप्रकाश नगर के वार्ड नंबर 22 एवं 23 में सूअरों में फैली अज्ञात बीमारी की जांच की गई थी एवं सैंपल कलेक्शन किया गया था।
जयप्रकाश नगर से संग्रहित किए गए सैंपलों को जांच के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, आनंद नगर, भोपाल को प्रेषित किया गया था। संस्थान से प्राप्त रिपोर्ट में 7 में से 5 सैंपल पॉजिटिव प्रतिवेदित किए गए एवं सूअरों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर रोग की पुष्टि हुई।
जानकारी के अनुसार, खगड़िया में सूअरों के अचानक मरने की सूचना जिलाधिकारी को जुलाई माह की 24 तारीख को प्राप्त हुई थी। जिलाधिकारी द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए पशुपालन विभाग, बिहार से उच्च स्तरीय जांच दल को बुलाया गया था।
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार द्वारा अफ्रीकन स्वाइन फीवर रोग के रोकथाम के लिए निर्देश प्राप्त हुआ है। नेशनल एक्शन प्लान के अनुसार अफ्रीकन स्वाइन फीवर रोग उद्भेदन स्थल से ग्रसित क्षेत्र के 1 किलोमीटर की परिधि में आने वाले सभी ग्राम/ वार्डों को “इनफेक्टेड जोन घोषित करते हुए शमन संबंधी सभी आवश्यक कार्रवाई की जानी है।