अदालती आदेश की अवमानना मामले में पटना हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक पर 20 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। न्यायाधीश पीबी बजनथ्री की एवं न्यायाधीश अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने संगीता कुमारी की ओर से दायर अवमानना वाद पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया।
मामला शिक्षक नियोजन से जुड़ा हुआ है। संगीता कुमारी ने पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये आदेश जारी किया है।
दरअसल, केके पाठक पर जिस मामले में जुर्माना कोर्ट ने लगाया है वो नियोजित शिक्षक की बहाली से जुड़ा हुआ है। संगीता कुमारी नामक एक शिक्षक पद की अभ्यर्थी ने बहाली के लिए आवेदन दिया था।
उनके अधिवक्ता कुंदन कुमार ने मीडिया को बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा सही प्रक्रिया नहीं अपनाने के कारण उनकी क्लाइंट को नौकरी नहीं मिली। साथ ही विभाग ने 2020 के बाद कोई बहाली नहीं की। इसी मामले में कोर्ट ने शिक्षा विभाग से जवाब मांगा था, लेकिन निर्धारित वक्त में जवाब दायर नहीं करने पर यह जुर्माना लगाया गया है।
जस्टिस पीबी बजंत्री और जस्टिस अरुण कुमार झा इस मामले में शिक्षा विभाग के रवैए को अदालत की अवमानना बताते हुए जुर्माना लगाया है।
दरअसल, ये पूरा मामला शिक्षक नियोजन से जुड़ा हुआ है। हाई कोर्ट ने 9 सितंबर 2023 इस मामले में सुनवाई करते हुए ये आदेश जारी किया था कि राज्य सरकार को अभ्यावेदन देने होगा।
इस मामले में शिक्षा विभाग को दो महीने के अंदर ही फैसला लेना होगा, लेकिन इस आदेश के बाद भी विभाग ने ये फैसला नहीं माना। याचिकाकर्ता संगीता कुमारी का कहना है कि मेरे साथ भेदभाव किया गया है। अन्य सभी उम्मीदवारों को इसका लाभ दिया गया, लेकिन मुझे नहीं दिया गया।
याचिकाकर्ता ने कहा कि पटना हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी शिक्षा विभाग ने इस फैसले को नहीं माना। इसके बाद संगीता कुमारी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की और कोर्ट ने अब इस मामले में अपना फैसला संगीता कुमारी के पक्ष में सुनाया है। पटना हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग को फटकार भी लगाई है। इस मामले में जस्टिस पीबी बजंत्री और जस्टिस अरुण कुमार झा ने सुनवाई की है।