छुट्टी से लौटते ही KK स्कूलों में छुट्टी पर भड़क गए हैं। गुस्से से लाल हैं। पूछा है, क्या शीतलहर सिर्फ स्कूलों में ही गिरती है, कोचिंग, मॉल में नहींं। दरअसल, लंबी छुट्टी से लौटे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक फिर (KK Pathak will cancel teachers leave) पुराने एक्शन में आ गए हैं।
KK Pathak | स्कूल में छुट्टी देने से पहले अनुमति लेना जरुरी
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक छुट्टी से लौटने के साथ ही जमकर तल्ख तेवर अपना लिए हैं। इस बार जिलाधिकारी उनके निशाने पर हैं। केके पाठक ने सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि स्कूल बंद करने के आदेश को तुरंत वापस लिया जाए।
KK Pathak | स्कूल में छुट्टियों पर लगाई रोक
बिहार के स्कूलों में शीतलहर की छुट्टियों पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने रोक लगा दी है। उन्होंने जिलाधिकारियों के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि सर्दी में स्कूल क्यों बंद किए गए।
KK Pathak | आदेश निकालने से पहले एकरूपता रखने की दी हिदायत
शिक्षा अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने यह भी कहा है कि सभी प्रमंडल आयुक्त जिला अधिकारियों को सुझाव दें कि जब वह सर्दी या शीतलहर के चलते कोई आदेश निकलते हैं तो वह पूरे जिले पर समान रूप से लागू होना चाहिए। इस प्रकार का आदेश निकालते समय एकरूपता एवं समरूपता को ध्यान रखें। सभी प्रमंडल आयुक्तों को लिखे पत्र में केके पाठक ने कहा है कि जिला दंडाधिकारियों ने धारा 144 का आदेश पारित किया है। इसमें सिर्फ विद्यालयों को ही बंद किया गया है।
KK Pathak | डीएम की ओर से स्कूलों को बंद रखने के आदेश को बताया अवैध
सर्दी और शीतलहर के कारण डीएम की ओर से स्कूलों को बंद किए जाने को के के पाठक ने अवैध करार दिया है के के पाठक ने पत्र जारी कर सभी जिलाधिकारी को फटकार लगाई है उन्होंने कहा है कि बिहार में कैसी सर्दी या शीतलहर चल रही है जो सिर्फ स्कूलों पर ही गिर रही है, कोचिंग संस्थानों पर नहीं। अगर इतनी सर्दी और शीतलहर है तो सिनेमा हॉल, मॉल, दुकानें और व्यावसायिक संस्थान कैसे चल रहे हैं।
KK Pathak | शैक्षणिक कैलेंडर वर्ष में 220 दिन क्लास होना जरूरी है
शिक्षा विभाग की ओर से एक बड़ा फैसला लिया गया है। जिसमें कहा जा रहा है कि स्कूलों में छुट्टियों को रद्द भी किया जा सकता है। शिक्षा विभाग की ओर से साफ किया गया है कि शैक्षणिक कैलेंडर वर्ष में 220 दिन क्लास होना जरूरी है। किसी कारणवश और छुट्टियों की वजह से 220 दिन से कम क्लास होते हैं। पढ़ाई बाधित होती है। उसके बाद घोषित और आकस्मिक अवकाश को भी रद्द किया जा सकता है।
KK Pathak | ये कैसी शीतलहर, कोचिंग संस्थान, सिनेमा हॉल, मॉल, दुकानें नहीं हुई नियंत्रित
केके पाठक ने धारा 144 का हवाला देते हुए कहा है कि जिला के अन्य संस्थाओं का जिक्र नहीं किया गया है। अन्य संस्थानों जैसे कोचिंग संस्थान, सिनेमा हॉल, मॉल, दुकानें, व्यावसायिक संस्थान उनकी गतिविधियां या समय अवधि को नियंत्रित नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन से पूछें कि यह कैसी शीतलहर है, जो केवल विद्यालयों पर ही गिरती है? कोचिंग संस्थानों में नहीं गिरती है। जबकि इन कोचिंग संस्थानों में हमारे ही विद्यालय के बच्चे पढ़ने जाते हैं।
KK Pathak | पारित आदेश न्यायिक पैमाने पर खरा उतरे, रखें ध्यान
केके पाठक ने पत्र लिखकर कहा है कि जब प्रशासन कानून की कोई धारा को लागू करते है तो यह ख्याल रहना चाहिए कि इसके तहत पारित आदेश न्यायिक पैमाने पर खरा उतरे। ये भी उल्लेखनीय है कि न्यायिक आदेश समान परिस्थिति में सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए।
KK Pathak | सारे कमिश्नर को कहा, कह दीजिए जिला प्रशासन को
पाठक ने सारे कमिश्नर को कहा है कि वे जिला प्रशासन को ये कहा जाए कि जब वे सर्दी या शीतलहर के चलते कोई आदेश निकालते हैं, तो वह पूरे जिले पर समान रूप से लागू किया जाना चाहिए। इस प्रकार का आदेश निकालते समय कृपया एकरूपता और समरूपता को ध्यान में रखा जाए।
KK Pathak | विद्यालयों की समयावधि 9 AM से 5 PM तय कर रखी है
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले दिनों आपके क्षेत्र के अन्तर्गत जहां भी इस प्रकार का आदेश निकाला गया है, उसे वापस लिया जाए। जहां तक सरकारी विद्यालयों का सवाल है, शिक्षा विभाग ने इन विद्यालयों की समयावधि 9 AM से 5 PM तय कर रखी है।
KK Pathak | इस समयावधि को बदलने के संबध में कोई भी आदेश निकालने के पहले…
इस समयावधि को बदलने के संबध में कोई भी आदेश निकालने के पहले शिक्षा विभाग की पहले से अनुमति जरूर प्राप्त कर ली जाए। केके पाठक ने कहा है कि बात-बात पर विद्यालयों को बंद रखने की परम्परा पर रोक लगनी चाहिए।