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दिसम्बर, 24, 2025

सूर्यगढ़ा में Hospital Baby Swap से हड़कंप, परिजनों ने लगाया बच्चा बदलने का गंभीर आरोप

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Hospital Baby Swap: जन्म के बाद बदल गई किस्मत, या किसी की लापरवाही? बिहार के लखीसराय से आई एक ऐसी खबर जिसने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है।

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सूर्यगढ़ा में Hospital Baby Swap: क्या है पूरा मामला?

लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीते रविवार को एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। प्रसव के बाद एक नवजात शिशु को कथित तौर पर बदल दिए जाने का आरोप परिजनों ने लगाया है, जिसके बाद अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा और विरोध प्रदर्शन देखा गया। यह घटना स्थानीय लोगों और स्वास्थ्य कर्मियों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।

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मिली जानकारी के अनुसार, एक महिला ने रविवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्चे को जन्म दिया। हालांकि, प्रसव के कुछ ही देर बाद, परिवार ने बच्चे को लेकर संदेह व्यक्त करना शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि उन्हें जो बच्चा सौंपा गया है, वह उनका नहीं है बल्कि किसी और से बदल दिया गया है। इस गंभीर आरोप के बाद, अस्पताल प्रशासन में भी हड़कंप मच गया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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परिजनों का आरोप और हंगामा, जांच की मांग

बच्चा बदले जाने के आरोप के बाद, बच्चे के माता-पिता और उनके परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की। परिजनों ने साफ तौर पर कहा कि उन्हें जो बच्चा सौंपा गया है, वह उनकी उम्मीदों से अलग है और इसमें कोई न कोई गड़बड़ी हुई है। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि स्थानीय पुलिस को भी मौके पर पहुंचना पड़ा ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। परिवार ने तत्काल इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है ताकि सच सामने आ सके और दोषियों को सजा मिल सके।

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स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी और भविष्य की चिंताएं

इस गंभीर आरोप पर सूर्यगढ़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रशासन की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। अस्पताल प्रबंधन और संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई। यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है। ऐसे मामलों से न सिर्फ पीड़ित परिवार को मानसिक आघात पहुंचता है, बल्कि आम जनता का भी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर से भरोसा उठने लगता है। इस मामले की गहन जांच और दोषियों पर कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। यह सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है कि हर नवजात शिशु अपने सही माता-पिता तक पहुंचे। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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