
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधामंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने संयुक्त रूप से रेलवे के कुर्था-बीजलपुरा खंड की ई-योजना का अनावरण किया। दोनों प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त रूप से बथनाहा से नेपाल कस्टम यार्ड तक भारतीय रेल कार्गो ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया।
भारत-नेपाल मैत्री रेल परियोजना के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नेपाल को कुर्था-बिजलपुरा रेलखंड सौपेंगे। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नेपाली पीएम पुष्प कमल दहल ने कुर्था-बिजलपुरा रेलखंड का अनावरण किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधामंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने संयुक्त रूप से रेलवे के कुर्था-बीजलपुरा खंड की ई-योजना का अनावरण किया। दोनों प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त रूप से बथनाहा से नेपाल कस्टम यार्ड तक भारतीय रेल कार्गो ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधामंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने संयुक्त रूप से रेलवे के कुर्था-बीजलपुरा खंड की ई-योजना का अनावरण किया। दोनों प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त रूप से बथनाहा से नेपाल कस्टम यार्ड तक भारतीय रेल कार्गो ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया।
जानकारी के अनुसार, बिहार में मधुबनी के जयनगर से नेपाल के बर्दीबास तक रेलखंड का निर्माण हो रहा है। निर्माण के दूसरे चरण में इस रेलखंड पर कुर्था से बिजलपुरा तक ट्रेन चलाने की तैयारी पूरी हो चुकी है।
जयनगर से बर्दीबास तक आठ सौ करोड़ की लागत से 65.5 किमी लंबे रेलखंड पर काम हो रहा है। कंपनी द्वारा साल 2014 में मेगा ब्लॉक कर निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था। साल 2001 में नेपाल में आई बाढ़ से जनकपुर और बिजलपुरा के बीच रेल पुल ध्वस्त हो गया था। इसके बाद जनकपुर तक ही ट्रेन चलती रही।
भारत-नेपाल मैत्री रेल परियोजना के तहत बिहार में मधुबनी के जयनगर से नेपाल के बर्दीबास तक रेलखंड का निर्माण हो रहा है। निर्माण के दूसरे चरण में इस रेलखंड पर कुर्था से बिजलपुरा तक ट्रेन चलाने की तैयारी पूरी हो चुकी है।
कुर्था से बिजलपुरा तक पिपराढ़ी व सिगयाही स्टेशन व लोहापट्टी हाल्ट का निर्माण कराया गया है। एक जून को निर्माण कंपनी इरकान की ओर से यह रेलखंड नेपाल रेलवे को सौंप दिया गया।
कुर्था से बिजलपुरा तक पिपराढ़ी व सिगयाही स्टेशन और लोहापट्टी हॉल्ट का निर्माण कराया गया है। निर्माण कंपनी इरकान की ओर से यह रेलखंड गुरुवार को नेपाल रेलवे को सौंप दिया।
निर्माण कंपनी इरकान के संयुक्त निदेशक विवेक निगम ने बताया कि एक जून यानी गुरुवार को दोनों देशों के प्रधानमंत्री नई दिल्ली में रेलखंड सौंपे जाने की औपचारिकता पूरी की।
नेपाल रेलवे के जीएम निरंजन झा ने बताया कि जुलाई के प्रथम सप्ताह में कुर्था से बिजलपुरा के बीच ट्रेन का परिचालन किया जाएगा।
साल 2001 में नेपाल में आई बाढ़ से जनकपुर और बिजलपुरा के बीच रेल पुल ध्वस्त हो गया था। इसके बाद जनकपुर तक ही ट्रेन चलती रही। भारत सरकार ने भारत-नेपाल मैत्री रेल परियोजना के तहत साल 2010 में इसे बड़ी लाइन में बदलने की योजना बनाई।
संयुक्त निदेशक ने बताया कि बथनाहा में दो रेल प्रोजेक्ट नेपाल रेलवे को सौंपे जाएंगे। बथनाहा से विराटनगर तक बनाए जा रहे रेलखंड के प्रथम चरण में बथनाहा से नेपाल कस्टम यार्ड तक सात किलोमीटर रेलखंड नेपाल रेलवे को सौंपा जाएगा।
वहीं, जयनगर बर्दीबांस रेलखंड के कुर्था से बिजलपुरा तक 17.5 किलोमीटर में बनाए गए रेलखंड भी नेपाल रेलवे को सौंपा गया।
संयुक्त निदेशक ने बताया कि नई दिल्ली में दोनों देश के प्रधानमंत्री और प्रतिनिधिमंडल स्तर के बातचीत के बाद दोनों रेलखंड हस्तांतरण की औपचारिकता पूरी की गई।
बता दें कि नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल चार दिवसीय यात्रा पर बुधवार को नई दिल्ली पहुंच चुके हैं। गुरुवार को दोनों देश के प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद भारत सरकार की ओर से बनाए गए दो रेलखंड नेपाल रेलवे को सौंपे जाने की औपचारिकता दोनों प्रधानमंत्री के उपस्थिति में सम्पन्न की गई।
जयनगर से वाया जनकपुर-कुर्था बिजलपुरा तक ट्रेन परिचालन का विस्तार जुलाई के प्रथम सप्ताह में किया जाएगा। इससे पूर्व रेलखंड हस्तांतरण, समय-सारिणी और किराया आदि निर्धारित करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
इरकान के संयुक्त निदेशक विवेक निगम ने बताया कि एक जून को दोनों देशों के प्रधानमंत्री नई दिल्ली में रेलखंड सौंपे जाने की औपचारिकता पूरी करेंगे।
नेपाल रेलवे के जीएम निरंजन झा ने बताया कि जुलाई के प्रथम सप्ताह में कुर्था से बिजलपुरा के बीच ट्रेन का परिचालन किया जाएगा। इससे पूर्व रेलखंड के बीच स्थित 11 फाटक पर गेटमैन की तैनाती समेत तीन स्टेशन और हाल्ट पर रेलकर्मियों की तैनाती की जाएगी।
जयनगर से बर्दीबास तक आठ सौ करोड़ की लागत से 65.5 किमी लंबे रेलखंड पर काम हो रहा है। इरकान द्वारा वर्ष 2014 में मेगा ब्लाक कर निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था।
प्रथम चरण का कार्य पूरा कर दो अप्रैल, 2022 को जयनगर से जनकपुर होते हुए कुर्था तक 34 किलोमीटर में परिचालन शुरू किया गया।
दूसरे चरण में 17.5 किलोमीटर लंबे रेलखंड पर ट्रेन चलाने की तैयारी है। तीसरे चरण में बिजलपुरा से 14 किमी आगे बर्दीबास तक रेलखंड का निर्माण किया जाएगा।