- मुख्य बातें
- पानी के बढ़ रहे रफ्तार से जन जीवन अस्त-व्यस्त
- इजरा गांव के घर-घर घुसा बाढ़ का पानी
- खबर लेने तक नहीं पहुंचे विधायक
- प्रशासन भी बेखबर, धान की फसलें बर्बाद, किसानों में मायूसी
मधुबनी, देशज टाइम्स ब्यूरो। जिले में बाढ़ की समस्या व पानी की बढ़ती रफ्तार से आमजनों की स्थिति कष्टदायक हो गई है। खासकर नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों से जुड़े जिलों लदनियां, हरलाखी, मधवापुर, जयनगर, लौकही के साथ-साथ रहिका, बेनीपट्टी व बिस्फी इत्यादि प्रखंडों में ज्यादा तबाही है। (madhubani-nepalse sate ilako me tabahi)
मधवापुर में बलवा धौंस नदी का सुरक्षा बांध टूट चुका है। बिस्फी प्रखंड में जगह-जगह तटबंध में कई जगह कट होल होने की जानकारी मिली है। रहिका प्रखंड क्षेत्र के इजरा गांव में पिछले छह दिनों से बाढ़ का पानी घर-घर में घुसा है। परंतु कोई भी सरकारी अमला व जनप्रतिनिधि,जैसे विधायक व सांसद लोगों की खबर तक लेने नही पहुंचे हैं। (madhubani-nepalse sate ilako me tabahi)
बेनीपट्टी प्रखंड क्षेत्र में अधुवारा समुह की नदियों का लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। महाराजी बांध पर भी पानी का दबाव बढ़ता जा रहा है। बेनीपट्टी अनुमंडलाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए 28 नाव भेजने की जानकारी दी है। एसडीओ ने कहा कि बरारी में विस्थापितों को पॉलीथिन शीट दी गई है।(madhubani-nepalse sate ilako me tabahi)
विस्थापितों के लिए अन्य सहायता सामग्री की व्यवस्था की जा रही है। मधवापुर के लालू नगर मेें विस्थापित लोग शरण लिए हैं। बताया, अब तक प्रशासन कोई खोज खबर नहीं ली है। विस्थापित लोगों को अब भोजन की समस्या है।(madhubani-nepalse sate ilako me tabahi)
बेनीपट्टी प्रखंड के आधे दर्जन गांवों में तबाही मची हुई है। बागमती का पानी भगवतीपुर गांव में लगभग एक किलोमीटर सड़कों को तोड़ दिया है। लड्डूगामा गांव में सड़क पर बाढ़ का पानी भर रहा है।(madhubani-nepalse sate ilako me tabahi)
अधवारा समूह के नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इन नदियां से बिशनपुर गांव पानी से घिर गया है। मधवापुर प्रखंड में बांध की मरम्मत नहीं होने से नदियों के जलस्तर देख लोग परेशान हैं।(madhubani-nepalse sate ilako me tabahi)
लदनियां प्रखंड में जगह-जगह बाढ़ का पानी बढ़ गया है। मधेपुर प्रखंड में कोसी नदी का फैल रही हैं। जिला के सभी इक्कीस प्रखंडों में जून जुलाई में सामान्य से 72 फीसदी ज्यादा वर्षा हुई है। जिससे आमजनों की रहन-सहन अस्त व्यस्त हो गया है।
जिला में धान की खेती लक्ष्य के विरुद्ध 83 तक हुई। परंतु अत्यधिक बर्षा के कारण किसानों का धान की खेती में व्यापक क्षति की अनुमान है।कारण निचले हिस्सा का अधिकांश धान की फसल डूब गया है। जिले में जून व जुलाई महीने में औसत वर्षा सामान्य से लगभग 73 फीसदी से ज्यादा हुई है।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार पिछले अनुमान के विरुद्ध जून महीने में सामान्य वर्षापात 213.6 मिमी के विरूद्ध 343.8 मिमी हुई। अर्थात सामान्य से 60.9 फीसद से ज्यादा है। इसी प्रकार इस जुलाई महीने के प्रारंभ से अद्यतन तक 215.2 मिमी के विरूद्ध 397.3 मिमी बर्षा हुई है। जो सामान्य से 84.6 फीसद ज्यादा है।(madhubani-nepalse sate ilako me tabahi)
जिला कृषि पदाधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार धान की रोपनी के लक्ष्य एक लाख 44 हजार हेक्टेयर के विरूद्ध एक लाख 20 हजार हेक्टेयर जमीन में की गई है। लगभग 83 फीसदी जमीन आबाद हो चुकी है। जबकि धन का बिचरा का लक्ष्य 14 हजार हेक्टेयर जमीन में हुई है। लगभग सौ फीसदी प्राप्ति हुई है। धान की खेती अधिकांश डूबने से फसले बर्बाद हो गई है। जिस कारण किसान मायुस हैं। परंतु प्रशासन की ओर से सभी प्रखंडों के ग्रामीण क्षेत्रों में फसल क्षति की अनुमान को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है।
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