बाढ़ से प्रभावित परिवारों को महीनों बाद सरकारी सहायता नहीं
हद है साहेब, कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मगर, बाढ़ कब आई कब गई लेकिन आपके पास फुर्सत कहां जो पीड़ित परिवारों तक सुविधा मुहैया करा सकें। यह शर्म की बात है…
आकिल हुसैन, मधुबनी देशज टाइम्स (Deshaj News)। बाढ़ से प्रभावित परिवारों को महीनों बाद सरकारी सहायता नहीं मिल पाई है। कड़ाके की ठंड में बाढ़ पीड़ित परिवार पॉलीथिनके सहारे रातें काट रहे है। विभागीय पदाधिकारियों की माने, सभी प्रभावित परिवारों के घरों का सर्वे किया जा चुका है। गत 13 जुलाई को जयनगर अनुमंडल मुख्यालय स्थित कमला नदी में आयी प्रलयकारी बाढ़ के कारण प्रखंड के दर्जनों गांव बाढ़ से पूरी तरह से प्रभावित हुआ था।
ऐसे कई परिवार हैं जिनका घर चंद मिनटों में पानी के तेज बहाव में एक के बाद एक बह गया। पांच माह बीत जाने के बाद भी प्रभावित परिवार सरकारी सहायता के आस में दिन गुजार रहे हैं। प्रखंड के देवधा दक्षिणी पंचायत के वार्ड नंबर 14 अकौन्हा गांव व बेलही पश्चिमी पंचायत के वार्ड नंबर 7 बेतौंहा गांव के लोग आज भी उस भयानक दृश्य की याद को पुनः बताना नहीं चाहते। प्रलयकारी बाढ़ ने इस गांव में बसे दलित महादलित एवं अतिपिछड़ी जाति के लोगों को भारी नुकसान पहुंचाया है।
सीएम नीतीश ने कहा 6 हजार मिलेंगे कहां मिला
अकौन्हा गांव निवासी रबी मुखिया, श्रीकृष्ण मुखिया,लाल बहादुर मुखिया,तुलसी मुखिया, मखन दास व दिलीप यादव व बेतौंहा गांव निवासी फूलों पासवान, शम्भु पासवान,लालू पासवान, लक्षमेश्वर पासवान, प्रेम देवी, कर्ण पासवान, राम चन्द्र पासवान समेत दर्जनों की संख्या में दोनों गांवों के प्रभावित परिवारों ने देशज टाइम्स को बताया, बाढ़ के समय मुख्यमंत्री की ओर से छह हजार रुपए की घोषणा पर भी आज भी कई लोग वंचित हैं।
क्षतिग्रस्त व्यवस्था में जी रहे लोग
बाढ़ के तेज बहाव विलीन घरों के लिए स्थानीय स्तर पर प्रशासन की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करने के का प्रभावित परिवार के लोग तटबंध के किनारे पन्नी टांग कर जीवन यापन कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया, बाढ़ प्राकृतिक आपदा हैं। लेकिन पानी के दबाव अधिक होने पर तटबंध को क्षतिग्रस्त कर तटबंध किनारे बसे लोगों को इसका भारी नुकसान हुआ है। बाढ़ की चपेट में आए प्रभावित परिवारों के लोगों ने बताया कि पानी के तेज बहाव के कारण घर में रखे एक भी सामान को नहीं बचा सका। सब कुछ बर्बाद होने के बाद गुजर बसर करने के लिए जहां तहाँ आज भी भटक रहे हैं। सरकारी स्तर पर कोई सहायता का लाभ नहीं मिलने पर प्रभावित परिवार के लोग पन्नी लगा कर गुजारा करने पर मजबूर है।
अब सीओ की सुनिए, ठंड बीतने को है मगर कह रहे कराएंगें सर्वे…हद है साहेब
अंचलाधिकारी संतोष कुमार ने देशज टाइम्स को बताया, जिन स्थानों पर बाढ़ से कटाव हुआ है। उन जगहों के सभी प्रभावित परिवारों का सर्वे कर विभाग को समर्पित किया गया है। सभी प्रभावित परिवारों को अविलंब सरकारी लाभ मुहैया करायी जाएगी।MADHUBANI NEWS-बाढ़ गई अर्से, नहीं हुआ सर्वे, अब ठंड में मर रहे लोग..हे सुशासन बाबू