बासोपट्टी प्रखंड क्षेत्र में कई विद्यालय भवनविहीन हैं। विद्यालय में नामांकित बच्चे या तो खुले आसमान के नीचे या फिर किसी किराए के भवन में पठन पाठन करने को मजबूर हैं। वर्ष 2007 में बने नया प्राथमिक विद्यालय दिघिया टोल फेंट में विद्यालय का अपना भवन नही है।
Madhubani’s Basopatti school | बिना भवन संचालित हो रहा दिघिया टोल फेंट स्थित नया प्राथमिक विद्यालय
इससे पूर्व उक्त विद्यालय के बच्चे नदी किनारे सीमा विकास विभाग के एक कमरे में पढ़ाई करते थे। जिसके बाद स्थानीय राम सुनीत तिवारी ने विद्यालय के लिए दूसरे से 24 लाख रुपए में साढ़े 6 कट्ठा जमीन खरीद कर उसमे से 5 कट्ठा विद्यालय के लिए राज्यपाल के नाम रजिस्ट्री किया।
Madhubani’s Basopatti school | 24 लाख रुपए जमीन खरीद कर 5 कट्ठा दान देना, नहीं आ रहा काम
गांव में विद्यालय हो और गांव के बच्चों को दूर जाकर पढ़ना न पढ़े इस आशा और उम्मीद के साथ उन्होंने जमीन दान की, लेकिन सरकार व शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण अभी तक विद्यालय को भवन नसीब नही हुआ है।
Madhubani’s Basopatti school | दो शिक्षिका और डेढ़ सौ छात्र, एक साथ पढ़ते कक्षा 1 से 5 तक के बच्चे
विद्यालय स्थापना के सोलह वर्ष पूरे हो चुके हैं। विद्यालय में दो शिक्षिका और डेढ़ सौ बच्चे नामांकित हैं। विद्यालय में भवन नही रहने के बाद ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से बांस और एसबेस्टस का एक घर बनाया। इसमें कक्षा एक से पांच तक के सभी बच्चे एक साथ बैठकर पढ़ते हैं।
Madhubani’s Basopatti school | ऐसे में कैसे होगा पठन-पाठन
एक तरफ बिहार सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था को लेकर नए नए फरमान जारी किये जा रहे हैं, लेकिन बच्चों के पठन पाठन के लिए विद्यालय में भवन जैसे मुख्य मुद्दों पर उनका ध्यान नहीं जा रहा।
Madhubani’s Basopatti school | बोरियां गिन रहे हेडमास्टर
विद्यालयों के प्रभारी प्रधानाध्यापक से एमडीएम योजना में पारदर्शिता को लेकर बोरियां गिनती कर जमा करवाने का कार्य लिया जा रहा है, परंतु प्रधानाध्यापक व ग्रामीणों द्वारा कई बार विद्यालय में भवन की कमी को लेकर दिए गए आवेदनों पर कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा।
Madhubani’s Basopatti school | ग्रामीण का सीधा अटैक, नहीं दे रहे अधिकारी ध्यान
ग्रामीणों की माने तो उनका साफ कहना है कि जब अधिकारी और सरकार बच्चों के हित पर संज्ञान नहीं ले रहे हैं, तो क्यों शिक्षा व स्वास्थ्य के मुद्दों पर फालतू की बयानबाजी कर
रहे हैं। हाल ही के दिनों अयोध्या में बन रहे राम मंदिर निर्माण पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा दिए गए बयान पर जमीनदाता कहते हैं कि उनको बिहार में भवनहीन विद्यालयों की जानकारी नहीं है।
Madhubani’s Basopatti school | बयानबाजी नहीं आता धरातल पर काम
अस्पताल में समुचित इलाज की व्यवस्था की सुध नहीं है। ऐसे में वो किस मुंह से मंदिर निर्माण पर शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था की बात कर रहे हैं। बिहार के बदहाल शिक्षा के मंदिर व स्वास्थ्य व्यवस्था पर ध्यान ही नहीं लेकिन बयानबाजी देश स्तर पर कर रहे हैं।
Madhubani’s Basopatti school | विभाग को पता है, फिर भी निर्माण रूका है
वहीं उक्त मामले पर विद्यालय की प्रभारी एचएम मंजू कुमारी ने बताया कि विद्यालय भवन को लेकर कई बार विभाग को सूचना दी गयी है। लेकिन अभी तक भवन निर्माण को लेकर किसी प्रकार की कोई पहल नहीं हुई है।