मई,2,2024
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88 साल का सपना हुआ साकार,आपस में जुड़ा कोसी और मिथिलांचल, लोगों की तालियों के बीच शुरू हुई रेल सेवा

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निर्मली अनुमंडल सहित इलाके के लोगों के लिए शनिवार का दिन ऐतिहासिक रहा। जब पहली बार निर्मली रेलवे स्टेशन पर झंझारपुर से सवारी गाड़ी ने निर्मली होते हुए कोसी महासेतु होकर सुपौल सहरसा तक के लिए प्रस्थान किया।

रेल मंत्री अश्वनी बैष्णव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर मधुबनी जिला के झंझारपुर रेलवे स्टेशन से दोपहर 2:12 बजे रवाना किए। झंझारपुर से गाड़ी नंबर 05553 को दो पायलट मनोज कुमार यादव व छोटे कामेत ने घोघरडीहा होते हुए 3:26 बजे निर्मली रेलवे स्टेशन पहुंचा। निर्मली स्टेशन पर मात्र 2 मिनट ट्रेन रुकी और 3:28 बजे फिर आसनपुर कूपहा के लिए रवाना हो गई। पढ़िए पूरी खबर

88 साल बाद शनिवार को मिथिलांचल का आपस में रेलवे से संपर्क जुड़ गया। सकरी-लौकहा बाजार-निर्मली एवं सहरसा-फारबिसगंज रेलखंड शुरू होने से अब उत्तर बिहार के कोसी, सहरसा व झंझारपुर के लोगों का सफर आसान होगा।

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दिल्ली में रेल, संचार, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से झंझारपुर-निर्मली नव आमान परिवर्तित रेलखंड (32 किमी) तथा निर्मली-आसनपुर कुपहा नई रेललाइन (06 किमी) का उद्घाटन किया। इसके बाद रेलमंत्री ने नए रेलखंड पर ट्रेन सेवाओं के परिचालन का भी शुभारंभ किया।

उन्होंने नए रेलखंड पर 05553 झंझारपुर-सहरसा डेमू स्पेशल को हरी झंडी दिखाकर उद्घाटन स्पेशल के रूप में ट्रेन को रवाना किया। रविवार से इस नए रेलखंड पर तीन नई डेमू स्पेशल ट्रेनों का परिचालन भी शुरू हो जाएगा।

ट्रेन निर्मली पहुंचते ही लोगों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। लोगों ने ताली बजाकर स्वागत करते हुए खुशी जाहिर किया। स्टेशन परिसर में निर्मली सहित सुपौल मधुबनी जिले के दर्जनों गांव के लोगो की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगो ने ऐतिहासिक पल को अपने नजरों से देखा।

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88 साल बाद कोसी और मिथिलांचल एक सूत्र में बंधा
बताया जा रहा है कि 1934 में आए विनाशकारी भूकंप में कोसी मिथिलाअंचल दो भागों में विभक्त हो गया था। तब से लेकर आज तक 88 सालों के लम्बे सफर के बाद आज का दिन ऐतिहासिक रहा जो एक बार फिर कोसी और मिथिला अंचल एक सूत्र में बंधा गया।

रेल मंत्री ने अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से झंझारपुर में आयोजित कार्यक्रम में जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि 88 वर्षों के बाद इस क्षेत्र की एक बहुत बड़ी समस्या का समाधान हुआ है। इस रेलखंड के चालू हो जाने से कोसी नदी के दोनों छोर के लोगों की वर्षों पुरानी लंबित मांग पूरी हो गई है। रेलमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का विजन है कि पूर्वी क्षेत्र के उदय से ही भारत का उदय संभव है।

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उन्होंने कहा कि बिहार में रेल अवसंरचना एवं यात्री सुविधा के विकास कार्यों के लिए इस वर्ष 6600 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। वहीं, झंझारपुर स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, झंझारपुर के सांसद रामप्रीत मंडल, सुपौल के सांसद दिलेश्वर कामत, मधेपुरा सांसद दिनेश चन्द्र यादव तथा झंझारपुर के विधायक नीतीश मिश्रा समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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