कुमार गौरव, मधुबनी, देशज टाइम्स संवाददाता। मधुबनी में पिछले चार दिनों से कचरों का अंबार लगा था। नगर निगम के सफाई कर्मी नाराज चल रहे थे। मजदूरों का तीन महीनें से वेतन बकाया पड़ा है। इसका असर सफाई व्यवस्था पर पड़ी। प्रशासन और एजेंसी ने तत्काल सफाई कर्मियों से बात की।
काम काज बंद हो जाने से कचरों की ढ़ेर के बीच मधुबनी भला कैसे रहता। पिछले करीब चार दिनों से सड़ांध की गंध बारिश भरी मौसम में आने लगी थी। सो, नगर प्रशासन और एजेंसी को आगे आना पड़ा। और, आश्वासन के बाद सभी सफाईकर्मी काम पर लौट गए हैं। कचरा का उठाव शुरू हो गया है। मगर इससे पहले क्या हुआ…पढ़िए पूरी रिपोर्ट
नगर निगम के सफाईकर्मियों की हड़ताल की घोषणा से प्रशासन में हड़कंप मच गया। वहीं, 15 सितंबर तक वेतन भुगतान के आश्वासन पर हड़ताल वापस ले लिया गया। शहरी क्षेत्र में पड़ने वाले तीस वार्डों में कूड़े-कचरों का अंबार लगा हुआ था।
सफाई कर्मियों ने साफ-सफाई से साफ इंकार कर दिया। वहीं, सफाई कार्य में लगे दर्जनों से ज्यादा ट्रैक्टर, मयूरी समेत सफाई कार्य में लगे विभिन्न प्रकारों के अन्य वाहनों को नगर निगम के इर्दगिर्द खड़ा कर दिया गया। और, मंगलवार को वार्डों में साफ-सफाई के लिए मजदूर नहीं जा रहे थे।
सफाईकर्मियों से इसको लेकर पूछा गया तो सभी ने बताया कि बीते तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। और, पीएफ कटा जाता है, लेकिन जानकारी नहीं है कि किस बैंक में पैसा हम लोगों का जमा होता है।
सफाई कर्मियों ने कहा कि हम लोगों को समय पर वेतन नहीं मिलने के करण भोजन और दवा सहित अपने परिवार में बच्चों के भरण पोषण में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
महीने की पांच तारीख तक वेतन मिलने की आस में पूरे महीने किसी प्रकार दुकानदार उधार दे देते हैं। लेकिन, तीन महीने से वेतन नहीं मिलने से उधार देने वालों के समक्ष हर रोज काफी जिल्लत झेलनी पड़ती है।
समय पर वेतन भुगतान हो इस के लिए आंदोलन ही सहारा है। हम मजदूरों का जब तक बकाया वेतन भुगतान समय पर और पीएफ कटौती विवरणी नहीं उपलब्ध कराया जाएगा, तब तक अनिश्चित कालीन हड़ताल जारी रहेगा।
इसको लेकर समाजसेवी गगन झा ने कहा कि नगर निगम के सफाई कर्मियों की मांग जायज है। सफाई कर्मियों की हड़ताल से नगर निगम के 30 वार्ड में सड़कों ,नालों और घरों में कूड़ा कचरा इकट्ठा है और डेंगू, मलेरिया का डर लोगों को अलग सता रहा है।
समय पर होल्डिंग टैक्स का एकमुश्त भुगतान करने वाले आम लोगों के हित में डीएम अरविंद कुमार वर्मा,नगर निगम के मेयर अरुण राय, उपमेयर अमानुल्लाह खान सहित नगर निगम के आयुक्त, उपायुक्त हड़कत में आए।
सफाई कर्मियों की हड़ताल समाप्त कराने के लिए नंदनी फाउंडेशन पर वेतन भुगतान का दबाव पड़ा जिसके बाद सफाई कर्मियों से वार्ता हुई और 15 सितंबर तक वेतन भुगतान का आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल से सभी वापस काम पर लौट आए।
जिला प्रशासन और नगर निगम से जुड़े सभी का दायित्व होना चाहिए कि डेंगू , मलेरिया जैसी महामारी न फैले इस के लिए हड़ताल न हो। और, समय पर सफाई कर्मियों को वेतन मिले।