खुटौना | भारत के सिक्किम राज्य की 18 वर्षीय युवती को दिल्ली में एक नेपाली युवक, जीवन क्षेत्री द्वारा बहला-फुसलाकर अपहृत किया गया। युवक ने युवती से फेसबुक के माध्यम से संपर्क किया और नौकरी दिलाने का झांसा दिया। युवती, जो सिक्किम की निवासी थी, नेपाली भाषा की झलक के कारण जीवन के झांसे में आ गई और जलपाईगुड़ी के रास्ते दिल्ली पहुँच गई। दिल्ली में उसे एक महीने तक रखा गया और फिर जीवन क्षेत्री उसे नेपाल ले जाने की योजना बना रहा था।
जय बाबा केदार..!
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गुमशुदगी रिपोर्ट और एनजीओ की सक्रियता:
युवती के 3 नवम्बर 2023 को लापता होने के बाद, उसके परिजनों ने नजदीकी थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। जब युवती का पता नहीं चला, तो गंगटोक के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस मन्नान केन्दरा ने सिलीगुड़ी स्थित डुअर्स एक्सप्रेस मेल एनजीओ से मदद ली। एनजीओ ने मोबाइल ट्रेसिंग के जरिए युवती का अशोक नगर (दिल्ली) में लोकेशन ट्रेस किया और मामले की तहकीकात शुरू की।
जीवन क्षेत्री का झांसा और दुष्कर्म का खुलासा:
एनजीओ के राजू नेपाली ने बताया कि, जीवन क्षेत्री ने युवती को दिल्ली में 3 नवम्बर से 15 दिसम्बर तक रखा और उसके साथ दुष्कर्म भी किया। युवती के अनुसार, जीवन ने उसे बहला-फुसलाकर नेपाल ले जाने की योजना बनाई थी।
पारिवारिक कॉल और ट्रेसिंग की सफलता:
18 दिसम्बर को, जीवन क्षेत्री ने खुद को ट्रक ड्राइवर बताकर युवती के परिजनों से फोन पर संपर्क किया। उसने उनसे चार हजार रुपये मांगे, यह कहते हुए कि लड़की भटक गई है और वह उसे घर वापस भेजेगा। परिजनों ने इस कॉल की डिटेल्स एनजीओ के राजू नेपाली को दी। इसके बाद, कॉल किए गए नंबर को ट्रेस किया गया, जो लौकहा बॉर्डर और नेपाली सीमा के 100 मीटर अंदर की लोकेशन पर था।
नेपाली पुलिस और एसएसबी की सक्रियता:
एनजीओ की मदद से, नेपाल प्रहरी और भारतीय लौकहा एसएसबी के संयुक्त प्रयास से 19 दिसम्बर 2023 की रात 11:30 बजे युवती को नेपाली सीमा से ट्रेस कर लिया गया। फिर उसे भारतीय सीमा के स्तंभ संख्या 246 स्थित लौकहा एसएसबी को सौंप दिया गया। एसएसबी के एसिस्टेंट कमांडेंट अजीत सिंह ने युवती को अपनी कस्टडी में लिया और कैंप में पूछताछ की। कागजी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद, युवती को एनजीओ डुअर्स एक्सप्रेस मेल के सुपुर्द कर दिया गया।
एनजीओ द्वारा युवती को परिजनों के हवाले किया गया:
एनजीओ की मदद से, युवती को सुरक्षित रूप से उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया। इस मामले में जीवन क्षेत्री के खिलाफ सिक्किम में अपहरण का मामला दर्ज किया गया है और उसकी गिरफ्तारी के लिए कानूनी कार्रवाई जारी है।
लौकहा बॉर्डर और मानव तस्करी की गंभीरता:
यह घटना यह साबित करती है कि लौकहा स्थित भारत-नेपाल सीमा मानव तस्करी का एक प्रमुख मार्ग बन चुका है। इससे पहले भी, लौकहा एसएसबी के एसिस्टेंट कमांडेंट अजीत सिंह ने दो बड़े मामलों का खुलासा किया था, जिसमें नौकरी का झांसा देकर लड़कियों को नेपाल ले जाया गया था। एक मामले में, बांका की एक लड़की को फेसबुक पर बने दोस्त अजय कुमार और उसके साथी पप्पू यादव ने नेपाल भेज दिया था, जहां उसके साथ गैंगरेप जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया गया था।
सुरक्षा और जागरूकता की आवश्यकता:
इस घटना से यह साफ होता है कि मानव तस्करी और अपहरण जैसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए समाज और कानून को कड़ी निगरानी और जागरूकता फैलाने की जरूरत है। साथ ही, एनजीओ की भूमिका और सुरक्षा बलों के सहयोग से कई ज़िंदगियाँ बचाई जा सकती हैं।
निष्कर्ष:
यह घटना एक सशक्त उदाहरण है कि जब सुरक्षा बल, एनजीओ और समाज मिलकर काम करते हैं, तो अपहरण और तस्करी जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाना संभव है।