मधुबनी, देशज टाइम्स ब्यूरो। समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में डीएम अरविंद कुमार वर्मा की अध्यक्षता में वर्ल्ड डे एगेंस्ट ह्यूमन ट्रैफकिंग के अवसर पर एक दिवसीय उन्मुखीकरण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डीएम श्री वर्मा ने कहा कि द यूनाइटेड नेशन ऑफ ड्रग्स एंड क्राइम के द्वारा 2013 से इसे आरंभ किया गया था।
इंडिया में इसे प्रत्येक वर्ष 11 जनवरी को नेशनल डे एगेंस्ट ह्यूमन ट्रैफिकिंग मनाया जाता है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के द्वारा इस अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव के तहत बाल तस्करी से आजादी अभियान 1 अगस्त 2022 से 25 अगस्त 2022 तक चलाया जा रहा है।
इसके तहत भारत के 75 अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जिलो में अभियान चलाया जा रहा है। जिले में मानव व्यापार की रोकथाम हेतु एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट स्थापित है। उन्होंने कहा कि देश में मानव व्यापार के रूप में बाल तस्करी एक अभिशाप के रूप में विद्यमान है। जो बालकों की तस्करी बाल मजदूरी, ऑर्गन ट्रैफकिंग, क्रिमिनल एक्टिविटी, सेक्सुअल एक्सपोजिशन इत्यादि के लिए होता है, जिसके उन्मूलन किए बिना सुरक्षित समाज सुरक्षित देश एवं सुरक्षित भविष्य का निर्माण नहीं किया जा सकता है।
डीएम श्री वर्मा ने कहा कि मानव व्यापार एवं बाल तस्करी रोकने हेतु किशोर न्याय अधिनियम 2015 की विभिन्न धाराओं में वर्णित निर्देशानुसार सभी थानों में नामित बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी अपने कर्तव्यों का पूरी संवेदनशीलता के साथ निर्वहन करें।बच्चों के साथ संवेदनशीलता एवं नम्रता से व्यवहार करें। बच्चों को यूज करने वाले वास्तविक ट्रैफिकर तक पहुंचे तथा उस पर कार्रवाई करें।
एसएसबी कमांडेंट की ओर से बताया गया कि मानव व्यापार के अनेकों पहलू है जिसे समय से पहचानना एवं निष्पादन करना आवश्यक है। डीएम श्री वर्मा ने कहा कि सभी पदाधिकारी संबंधित नियमों एक्ट के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करें तथा समन्वय से बाल तस्करी को रोकने का प्रयास करें।
कार्यक्रम में डीडीसी विशाल राज,सहायक निदेशक डीसीपीयू साहब रसूल , एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी,बाल कल्याण समिति अध्यक्ष बिन्दु भूषण ठाकुर, जयनगर एसएसबी डिप्टी कमांडेंट श्वेता समेत सभी अधिकारी उपस्थित थे।