मधुबनी। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत मधुबनी जिले में उमगांव से भेजा तक बनने वाले बाइपास रोड का निर्माण कार्य बुधवार से शुरू हो गया। इस महत्वपूर्ण परियोजना का औपचारिक शुभारंभ जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा और परियोजना निदेशक सुपौल मुकेश कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। यह कार्यक्रम मिथिला चित्रकला संस्थान में आयोजित किया गया।
जिलाधिकारी ने दिया गुणवत्ता पर जोर
जिलाधिकारी ने कार्यस्थल का दौरा कर निरीक्षण किया और गुणवत्ता के साथ तीव्र गति से निर्माण कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक शुक्रवार को कार्य प्रगति की समीक्षा की जाएगी, और परियोजना में आने वाली समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाएगा।
परियोजना की विशेषताएं और महत्व
- यह बाइपास मधुबनी शहर को यातायात जाम से राहत देगा।
- परियोजना के खंड 1 में उमगांव से कलुआही (एनएच-227 एल) और खंड 2 में साहरघाट से रहिका (एनएच-227 एल) का निर्माण होगा।
- खंड 3: मधुबनी बाइपास (एनएच-527 ए) रहिका से रामपट्टी तक।
- खंड 4: बिदेश्वर स्थान से भेजा तक नए कोसी महासेतु को जोड़ेगा।
नए कोसी महासेतु मधुबनी, दरभंगा, सुपौल और सहरसा जिलों को जोड़कर अंतरराष्ट्रीय व्यापार, पर्यटन और सामरिक महत्ता प्रदान करेगा।
तालाबों के सौंदर्यीकरण से पर्यावरण संरक्षण
नगर निगम के अंतर्गत शहर के चार प्रमुख तालाबों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा:
- नगर निगम तालाब।
- तिलक चौक तालाब।
- गोवा पोखर।
- सूडी स्कूल तालाब।
इन तालाबों के सौंदर्यीकरण से जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। नगर निगम तालाब का कार्य मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है।
मौके पर मौजूद अधिकारी
कार्यक्रम में परियोजना निदेशक मुकेश कुमार, डीपीआरओ परिमल कुमार, उप प्रबंधक सौरभ कुमार, कार्यस्थल अभियंता मुरारी कुमार झा और परियोजना प्रबंधक बद्रीनारायण सिंह सहित अन्य अधिकारी और संवेदक उपस्थित थे।
मधुबनी शहर के विकास की ओर बढ़ते कदम
यह परियोजना मधुबनी शहर को आधुनिक यातायात सुविधाओं से जोड़ने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी। आपकी राय में इन परियोजनाओं का शहर पर क्या प्रभाव पड़ेगा?