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1 नवम्बर, 2024
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मधुबनी मेले में चाउमिन गोलगप्पा बेचने गए अधेड़ की करंट से मौत, बिना आदेश के लगा था मेला

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मुख्य बातें
परिवार में मचा कोहराम
मेले में बिछाए गए जनरेटर के तार में किया गया था बिजली सप्लाई
थाना क्षेत्र के सुखबासी गांव का मामला, हरसुवार मुसहरी टोल का था अधेड़
फोटो: हरसुवार गांव में शव के नजदीक विलाप करते मृतक के परिजन

हरलाखी, मधुबनी टाइम्स। थाना क्षेत्र के सुखबासी गांव स्थित डीहबार स्थान में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर लगाए गए मेले में चाउमिन व गोलगप्पा बेचने गए एक 50 वर्षीय अधेड़ की मौत मौके पर ही हो गई। मृतक की पहचान हरसुवार मुसहरी टोल निवासी राजकुमार उर्फ बासु सहनी के पुत्र विजय सहनी के रूप में हुई है।

जानकारी के मुताबिक मृतक रविवार के दिन सुखबासी गांव के मेले में चाउमिन व गोलगप्पा बेचने के लिए ठेला लगाया हुआ था। रात करीब ग्यारह बजे मेला समाप्त होने पर मृतक अपना ठेला बाहर निकाल रहा था। तभी ठेले के ऊपर लगे चदरे में लड़ी वाली लाइट का तार स्पर्श हो गया। जिसमे जनरेटर की जगह बिजली सप्लाई किया गया था। मृतक उस तार को हटाने का प्रयास किया। तभी वो करंट के चपेट में आ गया और नंगे पांव होने के कारण उसकी मौत मौके पर ही हो गई।

स्थानीय लोगों ने बताया कि मेला में वर्षा डीजे का जनरेटर चल रहा था। जनरेटर के तार में बिजली सप्लाई किया गया था। घटना की सूचना मिलते ही थाना के एएसआई रामप्रवेश प्रसाद दल बल के साथ मौके पर पहुंचें। लेकिन मृतक के स्वजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया और आपसी सहमति से शव का अंतिम संस्कार करने की बात कही। इधर घटना के बाद से ही हरसुवार व सुखबासी दोनों गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया।

मृतक के स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय मुखिया, सरपंच व पंसस के द्वारा मृतक के स्वजनों को सांत्वना दिया गया और आपसी सहमति से शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। थानाध्यक्ष अनोज कुमार ने बताया कि घटना को लेकर मृतक के स्वजनों ने अग्रिम कार्रवाई करने से इंकार किया है। मृतक की पत्नी के बयान पर यूडी केस दर्ज किया जा रहा है।

बगैर प्रशासनिक अनुमति के किया जा रहा था पूजा का आयोजन

हरलाखी के सुखबासी गांव के डीहबार स्थान में बगैर प्रशासनिक अनुमति के श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का त्योहार मनाया जा रहा था। जहां पूजा के अलावे भव्य मेला और नाच तमाशा भी आयोजन किया गया था। घटना के बाद से ही सुखबासी गांव में सन्नाटा पसर गया और आनन फानन में मेला को हटा दिया गया।

अपने परिवार में अकेला कमाने वाला था विजय

विजय रोज कमाकर अपने परिवार का गुजर बसर करता था। विजय की चार संतान हैं। जिसमे सबसे बड़ी 14 वर्ष की लड़की है। छोटे-छोटे बच्चे व पत्नी को छोड़ अचानक दुनिया छोड़कर चले जाने से विजय के परिवार पर विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ा है। विजय की पत्नी सुनीता देवी ने बताया कि उनका पति रोज कमाकर लाता था उसी से परिवार का गुजर – बसर होता था। अब कमाने वाला चला गया तो कैसे परिवार का गुजारा होगा।

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