मधुबनी, देशज टाइम्स ब्यूरो। मधुबनी पूरी तरह फर्जी आय प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र बनाने के धंधे में जकड़ गया है। यहां पूरा गिरोह है जो जालसाजों से भरा है। फर्जी तरीके से आय प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए ऑफिसनुमा दुकान संचालित कर वहां डेस्क टॉप, लैपटॉप और मोबाइल से उसे लैस कर फर्जी प्रमाणपत्र और आधार कार्ड बनाने वाला गिरोह एक्टिव है। एक अप्रैल को रहिका में छापेमारी के बाद ताजा मामला मधुबनी शहर से जुड़ा है जहां नगर थाना क्षेत्र के बाटा चौक पर फर्जी प्रमाणपत्र और आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का पुलिस ने खुलासा किया है।
जानकारी के अनुसार, दुकान से भारी मात्रा में फर्जी आधार कार्ड, विभिन्न शिक्षण संस्थानों के फर्जी प्रमाणपत्र सहित कई कागजात बरामद हुए हैं। वहीं, बाटा चौक के समीप फलक मोबाइल दुकान में सदर एसडीओ अश्विनी कुमार और नगर थानाध्यक्ष सह पुलिस निरीक्षक अमित कुमार ने छापेमारी करते हुए वहां से दर्जनों फर्जी प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आइडी समेत अन्य फर्जी प्रमाणपत्र बरामद किए हैं। हद यह यहां कोरोना से मौत का फर्जी प्रमाण पत्र भी बन रहा था।
इससे पहले इसी माह सदर एसडीओ ने रहिका के अंचल अधिकारी को दूरभाष पर सूचना देकर नगर थाना क्षेत्र के समौल निवासी प्रदीप झा के घर में फर्जी तरीके से आय प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र बनाने का भंडाफोड़ किया था। नगर थाना के सहायक अवर निरीक्षक मुकेश शर्मा एवं सशस्त्र बल के साथ समौल गांव पहुंचकर जब वहां दो स्वतंत्र साक्षी के समक्ष प्रदीप झा के घर का विधिवत तलाशी शुरु की थी तो तलाशी के दौरान प्रदीप झा के घर के एक कमरे से एक डेस्कटॉप, एक लैपटॉप एवं रहिका, राजनगर और बाबूबरही प्रखंडों से संबंधित कई आय प्रमाण पत्र एवं निवास प्रमाण पत्र मिला था।
इन प्रमाण पत्रों का अवलोकन करने से मालूम पड़ा था कि प्रदीप झा की ओर से फर्जी तरीके से आय प्रमाण पत्र एवं निवास प्रमाण पत्र बनाया जा रहा था। उक्त प्रमाण पत्र प्रदीप झा द्वारा लैपटॉप एवं डेस्कटॉप के माध्यम से फर्जी तरीके से बनाया गया था। इसके बाद प्रदीप झा का एक डेस्कटॉप, एक लैपटॉप, एक मोबाइल एवं विभिन्न लोगों का फर्जी तरीके से बनाया गया आय प्रमाण पत्र एवं निवास प्रमाण पत्र जब्त कर लिया गया था। साथ ही प्रदीप झा को गिरफ्तार कर लिया गया।
इधर, इस दौरान दुकान से अजहर हुसैन (24) पिहवारा साहरघाट व असगर अली (22) चंद्रसेनपुर, हुसैनपुर रहिका को हिरासत में लिया गया। रहिका सीओ रामप्रवेश प्रसाद ने दुकान को सील कर दिया। छापेमारी में दुकान से बरामद फर्जी प्रमाणपत्र देखने के बाद प्रशासन हैरत में है।
दुकान से कोरोना का मृत्यु प्रमाणपत्र तक मिला है। ऐसे में फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर कोरोना से मृत व्यक्ति को सरकारी लाभ दिये जाने से इनकार नहीं किया जा सकता। पुलिस हर पहलू पर जांच करेगी। सदर एसडीओ ने बताया कि फलक मोबाइल में मिथिला विवि के फर्जी प्रमाणपत्र सहित कई अन्य प्रमाणपत्र मिले हैं। नकली सॉफ्टवेयर पर सारे प्रमाणपत्रों का निर्माण कराया जा रहा था।