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13 दिसम्बर, 2024
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Madhubani News| देखें VIDEO| घर में सैलाब, छप्पर पर आशियाने |@दियारा, कोसी दोनों तटबंध, बसे गांव, 50 हजार आबादी…कहती हैं बुधनी और कइली…समस्या बड़ा गड़बड़ है

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Madhubani News| देखें VIDEO| घर में सैलाब, छप्पर पर आशियाने |@दियारा, कोसी दोनों तटबंध, बसे गांव, 50 हजार आबादी…कहती हैं बुधनी और कइली…समस्या बड़ा गड़बड़ है| जहां, कोसी नदी में आयी बाढ़ का कहर तीसरे (Fifty thousand people trapped in flood in Madhubani, water entered houses) दिन मंगलवार को भी जारी है। दोनों तटबंधों के बीच अवस्थित दो दर्जन गांवों की लगभग 50 हजार की आबादी प्रभावित है। बाढ़ के पानी से चौतरफा घिरा पूरा इलाका। जहां, बाढ़ पीड़ितों की सुध नहीं ले रहे सरकारी अधिकारी, सांसद और विधायक। पहले तस्वीर देखिए, कोसी बांध बलथी चौक से योगिया, बकूआ जाने वाली प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क और भेजा लंगड़ा चौक से भरगामा जाने वाली प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क के क्या हालात हैं। फिर देखिए देशज टाइम्स की watch video…सिस्टम की आंखें खुल जाएंगीं…अगर खोलना चाहे सरकार…watch video।

Madhubani News| गांव लबालब

मधेपुर प्रखंड के दियारा क्षेत्र सहित कोसी दोनों तटबंधों के बीच अवस्थित दो दर्जन गांवों की लगभग 50 हजार की आबादी बाढ़ के पानी से चौतरफा घिर गई है। कोसी नदी में आई बाढ़ का कहर तीसरे दिन भी जारी है। बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र दियारा स्थित गढ़गांव, गेवाल, लुचबनी, बक्साटोल मेनाही, परियाही, गोबरगढ़ा,असुरगढ़, भवानीपुर, बसीपट्टी पूर्वी, महपतिया, द्वालख, जानकीनगर ,ललबाराही, टेंगराहा, भरगामा, झरबा, बकुआ, राधिकापुर, योगिया, सुंदरी, फारमटोल, बघिनियां, चैनलटोल सहित अन्य गांव व टोले बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। खेत खलिहानों में बाढ़ का पानी फैल जाने से खेती-बारी चौपट हो गई है। खेतों में लगे धान के बिचड़े डूब गए हैं।

Madhubani News| हर कार्य के लिए नाव का ही सहारा

कहीं कहीं तो रोपाई की गई धान भी डूब गयी है। जिस कारण किसानों में मायूसी छाई हुई है। बाढ़ से घिरे इन गांवों के निचले भाग में बसे दर्जनों परिवारों के आंगन में बाढ़ का पानी फैला हुआ है। वहीं निचले भूभाग में स्थित दर्जनों घरों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। बाढ़ से विस्थापित हुए परिवार गांव में ही ऊंचे स्थलों पर आश्रय लिए हुए हैं।

बाढ़ से घिरे लोग रतजगा करके समय व्यतीत कर रहे हैं। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र में बच्चे स्कूल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए घर से बाहर निकलने का एकमात्र साधन नाव ही है। शौच सहित अन्य दिनचर्या के अन्य कार्यों में बाढ़ पीड़ितों को काफी फजीहत झेलनी पड़ रही है। जहां हर कार्य के लिए नाव का ही सहारा लेना पर रहा है।

Madhubani News| नाव की भी भारी किल्लत

वहीं, इन इलाकों में नाव की भी भारी किल्लत है। ऊपर से सड़क संपर्क भंग रहने के कारण जो जहां है वहीं अपने घरों में कैद हैं। पशु चारा के लिए किसानों को नाव से लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। पालतू पशुओं को दिन – रात पानी में ही बांधकर रखना पड़ रहा है। चापाकलों के डूब जाने से पेयजल की समस्या बनी हुई है।

Madhubani News| मुखिया रचना भारती, सरपंच पवन कुमार यादव और बकुआ के सरपंच जगन्नाथ यादव ने बताया

भरगामा के पंचायत की मुखिया रचना भारती, सरपंच पवन कुमार यादव और बकुआ के सरपंच जगन्नाथ यादव ने बताया कि रविवार शाम से बाढ़ का पानी बसावटों में फैलने लगा है और सोमवार शाम तक जलस्तर में वृद्धि हो रही थी।

नाव की घोर किल्लत रहने के कारण किसी भी आपात स्थिति में घर से बाहर निकलने का कोई साधन नहीं है। बाढ़ पीड़ितों की सुधि लेने सरकारी अधिकारी, माननीय जनप्रतिनिधि विधायक,सांसद कोई नहीं पहुंच रहे हैं।

Madhubani News| बाढ़ में डूब चुकी हैं कोसी तटबंध के अंदर अवस्थित गांवों तक जाने वाली अधिकांश सड़कें

कोसी बांध बलथी चौक से योगिया,बकुआ जाने वाली प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क पर नाव चल रही है। इसी तरह कोसी बांध भेजा लंगड़ा चौक से भरगामा जाने वाली प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क पर भी नाव चल रही है। यहां बांध के निकट के पुल पर पानी बह रहा है। भेजा टेकनाटोल से ललबाराही एवं टेकनाटोल से खरीक जाने वाली सड़क पर भी नाव चल रही है। रहुआ संग्राम से मेहशा तक जाने वाली प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क पर जानकीनगर के निकट दोनों पुल के बीच दो फीट पानी बह रहा है।

Madhubani News| दूसरी ओर, कोसी नदी के कटाव से

चुन्नी कोसी तटबंध से चटनमा होते हुए बसीपट्टी जाने वाली प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क पर भगता पुल के निकट तीन फीट पानी बह रहा है। दूसरी ओर, कोसी नदी के कटाव से गढ़गांव पंचायत के गोबरगढ़ा गांव के राम प्रसाद सिंह, त्रिफूल देवी एवं जगदीश सिंह विस्थापित हो चुके हैं। विस्थापित परिवार अपने घर गृहस्थी के सामानों के साथ निकट के कोसी पूर्वी तटबंध पर सुपौल जिला चले गए। हालांकि नेपाल में कोसी बैराज का जलस्तर घट रहा है।

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