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2 नवम्बर, 2024
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श्रावणी मेला : महाभारतकाल से जुड़ा है मधुबनी के शिवनगर का गान्डिवेश्वर स्थान, सालों भर उमड़ता है भक्तों का हुजूम

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फोटोः बेनीपट्टी के शिवनगर गांव स्थित बाबा गान्डिवेश्वर नाथ महादेव मंदिर

बेनीपट्टी, मधुबनी देशज टाइम्स ब्यूरो। श्रावणी मेला के प्रथम सोमवारी को लेकर तैयारी पूरी कर ली गयी है़। बेनीपट्टी के प्रमुख समेत सभी शिवालयों को काफी भव्य रूप से सजाया गया है़।

पहली सोमवारी (आज) शिवालयों में जलाभिषेक के लिये श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। मधुबनी जिला मुख्यालय से 32 किलोमीटर व बेनीपट्टी अनुमंडल मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर शिवनगर गांव है। गांव से कुछ ही दूरी पर बाबा गान्डिवेश्वर नाथ महादेव स्थान है, जहां महाशिवरात्रि सहित अन्य शिव पूजन के अवसर पर सवा पहर बाबा बैद्यनाथ खुद विराजमान होकर भक्तों की मुरादें पूरी करते हैं।

गान्डिवेश्वर नाथ महादेव स्थान का सर्किट महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। महाभारत काल में पांडू पुत्र अर्जून ने अज्ञातवास के दौरान गान्डिवेश्वर स्थान में लगे शमी के पेड़ पर ही अपना गांडीव धनुष छिपाकर रखा था।

साथ ही इसी स्थान पर बाबा भोलेनाथ ने अर्जुन को पाशुपति अस्त्र प्रदान किया था। महाभारत काल से जिस धार्मिक स्थान का सर्किट जुड़ा हुआ है, उस स्थान को पर्यटन स्थल अबतक घोषित नही किया जाना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। श्रावणी मेला, महाशिवरात्रि और बसंत पंचमी समेत अन्य अवसरों पर दूर – दराज से श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन व पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं।

गान्डिवेश्वर स्थान में एक ही शिवलिंग पर बाबा भोलेनाथ व माता पार्वती विराजमान हैं। जिनके दर्शन से दिव्य अनुभूति व आलौकिक शांति मिलती है। श्रावणी मेला में प्रत्येक सोमवार को काफी संख्या में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ व माता पार्वती की पूजा अर्चना के लिए जुटेंगे।

शिवनगर गांव के ग्रामीण गोविंद झा, नंद कुमार झा, विनोद शंकर झा एवं काशीनाथ झा मंगल तथा समीर कुमार सहित अन्य ने बताया कि गान्डिवेश्वर नाथ महादेव स्थान को पर्यटन स्थल घोषित करना अति आवश्यक है, लेकिन सरकार व जिला प्रशासन इस मुददे पर कोई साकारात्मक पहल नही कर रही है। उक्त स्थान का सर्किट महाभारत काल से जुड़ा हुआ है।

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