मधुबनी। मधुबनी जिले के मंगरौनी गांव में रविवार को “मधुबनी वर्तमान और अतीत” पुस्तक का भव्य लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में क्षेत्र के विद्वान साहित्यकारों और गणमान्य व्यक्तियों ने लेखक विनयानंद झा की इस ऐतिहासिक रचना की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
पुस्तक की विशेषताएं
प्रकाशक: नवारंभ प्रकाशन
पृष्ठ संख्या: 527
प्रकरण: कुल 18
यह पुस्तक मधुबनी के ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पहलुओं का विस्तृत वर्णन करती है।
पुस्तक के मुख्य प्रकरण
- मधुबनी: अनुमंडल से जिला तक का सफर
- विदेह की राजधानी और परवर्ती इतिहास
- प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में मंगरौनी का योगदान
- मैथिली भाषा और साहित्य का विकास
- धार्मिक, आध्यात्मिक और पुरातात्विक स्थल
- ललित कला और पंजी प्रवंध का उल्लेख
गणमान्य व्यक्तियों का विचार
- अजित आजाद (साहित्यकार):
पुस्तक को अंतरराष्ट्रीय स्तर का मानक ग्रंथ बताया। - डा. शशिनाथ झा (पूर्व कुलपति):
- इस पुस्तक में इतिहास, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र, और धर्म का समावेश है।
- इसे समग्र ऐतिहासिक दस्तावेज बताया।
- शंकर देव झा:
- पुस्तक की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और सामग्री की गहन विवेचना की।
- डा. नरेंद्र सिंह निराला:
- इसे मधुबनी के सांस्कृतिक जीवन और धरोहरों का प्रतिबिंब कहा।
समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
धर्मेंद्र कुंवर, उदय चंद्र झा विनोद, रंगनाथ दिवाकर, अजयधारी सिंह, लम्बोदर झा, और शीतलाम्बर झा सहित अन्य विशिष्ट जन कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
धन्यवाद ज्ञापन: लेखक विनयानंद झा ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया और पुस्तक की प्रेरणा और लेखन प्रक्रिया साझा की।
लेखक का उद्देश्य
लेखक विनयानंद झा ने बताया कि यह पुस्तक मधुबनी के समृद्ध इतिहास और संस्कृति को संरक्षित करने का प्रयास है। इसका उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों को मधुबनी की धरोहरों और गौरवशाली परंपराओं से जोड़ना है।
पुस्तक सभी शोधार्थियों, साहित्य प्रेमियों और इतिहासकारों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।