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1 नवम्बर, 2024
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बाबूबरही में नियम ताक पर, पंचायत की कमान संभाल रहे पति, नमूना यह…प्रारंभिक प्रशिक्षण में कई पंचायतों की महिला मुखिया और उपमुखिया की जगह शामिल हुए उनके पति…

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बाबूबरही में नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों का तीन दिवसीय गैर आवासीय प्रारंभिक प्रशिक्षण शुरू,पहले दिन नियमों को ताक पर रख पति दिखे मूंछ पिजाते फोटो :टीपीसी भवन में आयोजित प्रशिक्षण में शामिल जनप्रतिनिधिगण

बाबूबरही, मधुबनी देशज टाइम्स। प्रखंड के टीपीसी भवन के सभागार में सोमवार को पंचायती राज विभाग पटना एवं जिला पदाधिकारी के निर्देश पर पंचायत आम निर्वाचन 2021 के उपरांत त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थानों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के लिए तीन दिवसीय प्रारंभिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

सभी नवनिर्वाचित मुखिया एवं उप मुखिया को बीपीएम विकास कुमार मिश्रा, बीएफ चंद्रदेव सागर तथा बीपीआरओ रूपेश कुमार के नेतृत्व में प्रशिक्षण दिया गया। उक्त प्रशिक्षण गैर आवासीय एवं तीन दिवसीय है जिसमें सभी नवनिर्वाचित मुखिया तथा उप मुखिया को प्रथम दिन पंजीकरण, उद्घाटन एवं परिचय,पंचायती राज व्यवस्था का उद्भव एवं विकास, ग्राम सभा एवं निगरानी समिति से संबंधित नियमावली,ग्राम पंचायत में धारा 11 से 33 तक की जानकारी, मुखिया, उप मुखिया एवं ग्राम पंचायत के अधिकार तथा दायित्व की जानकारी दी गयी।

प्रशिक्षण में दूसरे दिन फिल्म शो के तहत ग्राम पंचायत की स्थायी समितियां एवं वार्ड सभा तथा डब्ल्यूआईएएमसी, ग्राम पंचायत विकास योजना का उद्देश्य, त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थानों का सुदृढ़ीकरण, आपदा प्रबंधन में ग्राम पंचायत की भूमिका तथा तीसरे दिन बाल संरक्षण समिति संबंधित जानकारी, एसएफसी के द्वारा ग्राम पंचायत के लिए कार्यो का आवंटन, लेखा संधारण, जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन, ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं का ग्राम पंचायत स्तर पर अभिसरण का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

उक्त प्रशिक्षण ग्राम पंचायत में विकास हेतु दी जा रही है। बता दें कि पंचायती राज विभाग पटना तथा जिला पदाधिकारी मधुबनी की ओर से निर्गत पत्र के अनुसार प्रशिक्षण में नवनिर्वाचित मुखिया एवं उप मुखिया को ही भाग लेना है। जबकि प्रशिक्षण के दौरान प्रखंड के कई पंचायतों के मुखिया पति उपस्थित रहे। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि पंचायत का नेतृत्व मुखिया पति ही कर रहे हैं जो विभाग की लचर हालत को दर्शा रही है। पंचायत के साथ-साथ अब सरकारी कार्यालयों में भी मुखिया पति का दबदबा बढ़ गया है।

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