मधुबनी। निगम में जुड़ने वाले 11 पंचायतों के 113 वार्डो में बाढ़ के असर का आकलन होगा। नगर विकास और अवास विभाग ने इसके लिए सर्वे कराने का आदेश दिया है। ताकि इस क्षेत्र में पड़ने वाले प्रभाव और उसके समाधान का आकलन किया जा सके।
इसके आधार पर यहां की समस्याओं के समाधान के लिए विस्तृत योजनाओं का निर्माण बनाया जाना संभव हो सके। इन क्षेत्रों में बाढ़ के कारण होने वाली क्षति की रिपोर्ट तैयार की जायेगी। जिसमें नागरिकों के घर,खेती,पशु के साथ ही सड़क व अन्य बुनियादी सुविधाओं को रेखांकित करना है। बाढ़ आने से इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सड़क और पुल-पुलिा क्षतिग्रस्त होता है। जिससे यहां पर अवागमन प्रभावित होता है।
विभाग के आदेश पर बाढ़ से होने वाली क्षति की प्रारंभिक रिपोर्ट बनाये जाने की तैयारी चल रही है। पूर्व में अंचल के अधीन आने वाले इन क्षेत्रों की पूर्व की रिपोर्ट के अनुसार भच्छी, भौआड़ा, रांटी,जगतपुर,सप्ता, बसुआरा, खजूरी, मंगरौनी, महिनाथपुर, रघुनीदेहट पंचायत के 26 हजार की आबादी प्रभावित होती है।
पूर्व के नगर परिषद के तीस वार्ड में बाढ़ का असर नहीं होता है। हालांकि यहां बारिश के पानी ही हर साल तबाही लाती है और बाढ़ का नजारा लोगों को देखने को मिलता है। आकलन के बाद विभाग के द्वारा योजना तैयार करने और उसके लिए फंड दिये जायेंगे।
निगम को मिली जिम्मेदारी-
निगम में जुड़ने वाला यह पंचायत रहिका, राजनगर, पंडौल प्रखंड और अंचल से जुड़ा था। निगम क्षेत्र अधिसूचित होने के बाद इन क्षेत्रों से प्रखंड और अंचल से जुड़े कर्मियों को क्रमशः हटा लिया गया है। इन क्षेत्रों में पंचायती राज की सारी गतिविधियां बंद हो चुकी है।
अब यहां पर निगम की प्रशासनिक गतिविधि शुरू हो चुकी है। इसलिए निगम को इस आकलन की जिम्मेवारी दी गयी है। लेकिन निगम में कर्मी और संसाधनों की घोर कमी है। इसकारण आम लोगों से संबंधित सुविधाओं के विस्तार की प्रक्रिया साकार नहीं हो पा रहा है। इस सर्वे की राह में भी कर्मियों की कमी बाधा सामने आ रही है।
क्या कहते हैं अधिकारी-
नगर निगम के आयुक्त राकेश कुमार ने बताया कि उपलब्ध सुविधा और कर्मियों के माध्यम से विभाग के निर्देश का अनुपालन कराया जा रहा है। रिपोर्ट के आधार इन क्षेत्रों में विकास की रुपरेखा तैयार हो सकेगा।