मधुबनी में धान गबन का खुलासा हुआ है! यहां 87 लाख रुपए की अनियमितता सामने आई है। दो पैक्स अध्यक्ष पर FIR दर्ज की गई है। इसमें बिशनपुर और बरूआर पैक्स शामिल है जहां करोड़ों की गड़बड़ी को DM ने पकड़ा। कड़ा एक्शन लिया है।@मधुबनी देशज टाइम्स।
मधुबनी जिले में पैक्स गोदाम जांच में 46 लाख बिशनपुर में, 40 लाख बरूआर में गायब मिला है। इसको लेकर सहकारिता विभाग ने पैक्स अध्यक्षों पर FIR दर्ज की है। इससे किसानों का हक खतरे में है। DM आनंद शर्मा ने सख्त कदम उठाया।
मधुबनी में धान अधिप्राप्ति में गड़बड़ी, पैक्स अध्यक्ष प्रबंधक FIR
मधुबनी, देशज टाइम्स: मधुबनी जिले में धान अधिप्राप्ति के दौरान पैक्स गोदामों में भारी वित्तीय अनियमितता सामने आने के बाद जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने कड़ा एक्शन लिया है। बिशनपुर और बरूआर पंचायत के पैक्स गोदामों में जांच के दौरान लाखों रुपये के गबन का मामला उजागर हुआ।
बिशनपुर पैक्स में गबन
बिशनपुर पंचायत के पैक्स अध्यक्ष अनिल कुमार यादव और प्रबंधक लोकेश नाथ ठाकुर के खिलाफ मामला दर्ज। 15 फरवरी 2025 तक कुल 495.100 एमटी धान अधिप्राप्त किया गया था।
4 सितंबर 2025 को मधेपुर प्रखंड के सहकारिता प्रसार पदाधिकारी ने गोदाम का भौतिक सत्यापन किया, जिसमें धान शून्य पाया गया। कुल अधिप्राप्त धान में से 295.575 एमटी राइस मिल को हस्तगत, जबकि शेष 199.525 एमटी धान के लिए कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इस पर पैक्स अध्यक्ष और प्रबंधक के खिलाफ 46,38,956 रुपए के गबन के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई।
बरूआर पैक्स में अनियमितता
अंधरामठ थाना क्षेत्र के बरूआर पंचायत पैक्स में भी वित्तीय गड़बड़ी पाई गई। किसानों से एमएसपी पर 433 एमटी धान अधिप्राप्त किया गया था।
इसमें से 255.24 एमटी धान राइस मिल को हस्तगत, जबकि शेष 177.76 एमटी धान के संबंध में पैक्स अध्यक्ष देवनाथ यादव और प्रबंधक राजू कुमार मुखिया को स्पष्टीकरण देने के लिए पत्र जारी किया गया। बरूआर पैक्स में 40,88,000 रुपए के गबन की पुष्टि हुई।
प्रशासनिक कार्रवाई
दोनों पैक्स अध्यक्षों और प्रबंधकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। सहकारिता विभाग मामले की गहन जांच कर रहा है। जिलाधिकारी आनंद शर्मा के निर्देशानुसार धान अधिप्राप्ति कार्य को लेकर भौतिक सत्यापन और लगातार जांच अभियान जारी है।
कुल वित्तीय अनियमितता
बिशनपुर पैक्स: 46.38 लाख रुपए। वहीं बरूआर पैक्स: 40.88 लाख रुपए। दोनों मिलाकर कुल मिलाकर 87 लाख रुपए की वित्तीय अनियमितता सामने आई है।