Madhubani News: मधुबनी समाहरणालय का डीआरडीए सभाकक्ष सोमवार को एक्शन मोड में दिखा, जहां जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने फाइलों के जंजाल और योजनाओं की सुस्त चाल पर ऐसा चाबुक चलाया कि कई विभागों के अधिकारियों के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं। साप्ताहिक समीक्षा बैठक के दौरान डीएम ने एक-एक कर विभागों के पेंच कसे और स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि काम में लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
Madhubani News: डीएम ने दिए ये 10 बड़े निर्देश
जिलाधिकारी आनंद शर्मा की अध्यक्षता में हुई इस मैराथन बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए, जिनका असर सीधे तौर पर जिले की विकास योजनाओं और आम जनता से जुड़े कार्यों पर पड़ेगा। बैठक में विभागों के बीच समन्वय की कमी से लेकर जनता दरबार के आवेदनों के निपटारे में हो रही देरी पर डीएम ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि माननीय उच्च न्यायालय में लंबित मामलों में थोड़ी भी शिथिलता या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जवाबदेही तय कर कार्रवाई होगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
बैठक के प्रमुख निर्देश:
- अंतर्विभागीय मामलों जैसे भूमि अधिग्रहण, एनओसी आदि का तत्काल समाधान करें।
- भूमि से जुड़े सभी मामले सीधे ‘मधुबनी फर्स्ट पोर्टल’ पर डालें ताकि त्वरित कार्रवाई हो सके।
- विभागीय कार्यवाही के मामले निर्धारित समय-सीमा के अंदर पूरे किए जाएं।
- नीलाम पत्र के बड़े बकायेदारों के मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर तेजी से निष्पादन करें।
- सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों को रिटायरमेंट के दिन ही सभी लाभों का भुगतान सुनिश्चित करें।
- जनता दरबार, सीपीग्राम और मुख्यमंत्री के जनता दरबार से प्राप्त आवेदनों का समय पर निपटारा हो।
- सभी सरकारी पत्राचार अनिवार्य रूप से केवल ई-ऑफिस प्रणाली के माध्यम से ही किए जाएं।
- ‘जिला प्रशासन गांव की ओर’ कार्यक्रम के तहत पंचायतों में जाकर ऑन-द-स्पॉट शिकायतों का समाधान करें।
- सुशासन सप्ताह के तहत सभी लंबित आवेदनों का निपटारा 25 दिसंबर से पहले सुनिश्चित करें।
- हर घर नल का जल योजना के छूटे हुए वार्डों में कार्य में तेजी लाएं।
जन शिकायतों के निपटारे में तेजी लाने का अल्टीमेटम
बैठक की समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि पुलिस, राजस्व, शिक्षा और आईसीडीएस विभागों में जन शिकायतों से जुड़े आवेदन सबसे अधिक संख्या में लंबित हैं। इस पर जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए निर्देश दिया कि जन शिकायतों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ समय पर निष्पादित करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा, “आम आदमी की समस्याओं का समाधान हमारी पहली प्राथमिकता है। इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
ई-ऑफिस प्रणाली पर जोर, कागज वाले पत्र बंद
डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देते हुए जिलाधिकारी ने एक बड़ा फैसला सुनाया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में अब कोई भी पत्राचार भौतिक रूप से डाक या ईमेल के माध्यम से नहीं होगा। सभी पत्र-व्यवहार केवल और केवल ई-ऑफिस प्रणाली के माध्यम से ही किए जाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि इस आदेश की अवहेलना करने वाले पदाधिकारियों और कर्मियों पर बिहार सरकारी सेवक आचरण नियमावली के तहत कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
“सुशासन सप्ताह” को लेकर विशेष कार्यशाला का आयोजन
बैठक के बाद, जिलाधिकारी ने 19 से 25 दिसंबर तक मनाए जा रहे “सुशासन सप्ताह” के अवसर पर एक कार्यशाला का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिया कि सीपीग्राम पोर्टल पर लंबित सभी आवेदनों का निपटारा 25 दिसंबर से पहले एक अभियान चलाकर किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से गुड गवर्नेंस और बेस्ट प्रैक्टिसेज से जुड़ी सक्सेस स्टोरी भी तैयार करने का निर्देश दिया, ताकि उसे पोर्टल पर अपलोड किया जा सके। इस महत्वपूर्ण बैठक में एडीएम मुकेश रंजन झा, एडीएम आपदा संतोष कुमार, नगर आयुक्त उमेश भारती, और जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी राजेश कुमार सिंह सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।




