
समय पर ऑफिस नहीं पहुंचे 83 अफसर-कर्मी! मधुबनी जिलाधिकारी आनंद शर्मा की सख्ती-बड़ी कार्रवाई – 83 अधिकारियों पर गिरी गाज, अब होगी सख़्त सज़ा। ऑफिस गायब रहने वाले अब नहीं बचेंगे! डीएम आनंद शर्मा ने 83 अफसरों पर उठाया बड़ा कदम। 83 सरकारी कर्मियों पर केस जैसी कार्रवाई – डीएम ने कहा ‘अनधिकृत अनुपस्थिति बर्दाश्त नहीं’। हर मंगलवार होगी समीक्षा! जिलाधिकारी ने अनुपस्थित अफसरों के खिलाफ खोला मोर्चा@मधुबनी देशज टाइम्स।
Highlights) GPS लोकेशन के आधार पर
83 अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्रवाई का प्रस्ताव। GPS लोकेशन के आधार पर उपस्थिति की निगरानी। मॉनिटरिंग सेल रोजाना 20 रैंडम कर्मचारियों की उपस्थिति जांच रहा है। जिलाधिकारी आनंद शर्मा हर मंगलवार समीक्षा करेंगे। विभागाध्यक्षों पर भी तय होगी जवाबदेही। अब खबर पढ़िए विस्तार से
समय पर कार्यालय नहीं आने वाले कर्मियों पर डीएम सख्त, 83 आएंगें कार्रवाई की जद में, बड़ा प्रस्ताव
मधुबनी, देशज टाइम्स । जिला प्रशासन मधुबनी ने अनाधिकृत अनुपस्थिति पर कड़ा रुख अपनाया है। जिलाधिकारी आनंद शर्मा की निगरानी में चल रहे मॉनिटरिंग सिस्टम के तहत 83 पदाधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा गया है।
मॉनिटरिंग सेल से हो रही निगरानी
जिला प्रशासन ने 11 अगस्त 2025 से गोपनीय शाखा में मॉनिटरिंग सेल का गठन किया है। इस सेल की जिम्मेदारी है कि प्रतिदिन सुबह 10:00 बजे तक 20 रैंडम चयनित क्षेत्रीय पदाधिकारियों/कर्मचारियों से मोबाइल/व्हाट्सएप पर संपर्क किया जाए।
उनसे GPS लोकेशन सहित उपस्थिति की पुष्टि ली जाती है। अनुपस्थित पाए जाने पर संबंधित कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा जाता है और कार्रवाई हेतु रिपोर्ट जिला स्तरीय अधिकारियों को भेजी जाती है।
अब तक की कार्रवाई
02 सितम्बर 2025 तक 84 पदाधिकारी/कर्मी अनुपस्थित पाए गए। इनमें से 83 के विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव संबंधित विभागीय अधिकारियों को भेजा गया है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी मामलों पर समयबद्ध कार्रवाई की रिपोर्ट अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाए।
हर मंगलवार को होगी समीक्षा
जिलाधिकारी स्वयं प्रत्येक मंगलवार शाम को समीक्षा बैठक करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया—
अनाधिकृत अनुपस्थिति किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं होगी। जिला स्तरीय पदाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके अधीनस्थ कर्मचारी समय पर कार्यालय में उपस्थित रहें। यदि कार्रवाई लंबित पाई गई तो संबंधित विभागाध्यक्षों की जवाबदेही तय की जाएगी।
प्रभावित विभाग
अनुपस्थित पाए जाने वालों में मुख्य रूप से शामिल हैं— राजस्व कर्मचारी, पंचायत सचिव, महिला पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी सेविका। इनकी अनुपस्थिति से आम नागरिकों के कार्य प्रभावित हो रहे थे और लगातार शिकायतें मिल रही थीं।