आकिल हुसैन, मधुबनी देशज टाइम्स ब्यूरो। कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर उत्पन्न स्थिति में निजी डॉक्टरों ने अपने प्राइवेट क्लीनिक बंद कर दिए हैं। इससे सामान्य मरीजों का इलाज भी इन दिनों मुश्किल हो गया है। ऐसे में,ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, बुखार, फ्लू, हार्ट के मरीज, पेट दर्द सहित अन्य बीमारियों के इलाज कराने में परेशानी हो रही है। इसको देखते हुए, निजी चिकित्सकों को अपना क्लिनिक खोलने को लेकर जिला प्रशासन की ओर से रविवार को सिविल सर्जन डॉ. किशोर चंद्र चौधरी की अध्यक्षता में सदर एसडीओ सुनील कुमार सिंह के साथ निजी डॉक्टरों की नगर थाना पर बैठक हुई।
बैठक में सिविल सर्जन ने कहा,निजी चिकित्सक अपना ओपीडी खोलें। उसमें सामान्य मरीजों का इलाज जिस तरफ पूर्व में करते थे उसी प्रकार करते रहें। अगर सामान्य मरीजों का इलाज नहीं हो पाएगा तो समाज में जन आक्रोश की भावना पैदा होगी। इससे प्रशासन को लॉ एंड ऑर्डर की एक अलग तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
बैठक में निजी डॉक्टरों की ओर से मरीजों के परिजनों की ओर से कभी-कभी क्लीनिकों पर हो हंगामा करने की बात बताई। डॉक्टरों ने अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए कहा,मरीज के परिजन कभी उग्र हो जाते हैं ऐसी स्थिति में डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ सुरक्षित नहीं रहते हैं। लड़ाई की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इस कारण निजी चिकित्सक आपदा की इस घड़ी में अपने निजी क्लीनिक को बंद किए हुए हैं।
दूसरी बात, कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए निजी चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ को उचित ड्रेस कोड नहीं है। मास्क व सेनेटाइजर भी बाजार में उपलब्ध नहीं है। ऐसे में, कोरोना वायरस जैसे संक्रमण वाले बीमारी से लड़ने के लिए आवश्यक सामानों की उपलब्धता नहीं रहने के कारण भी डॉक्टर भयभीत हैं।
सिविल सर्जन श्री चौधरी ने कहा, कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज की सूचना तत्काल आंगनवाड़ी सेविका एवं आशा कार्यकर्ताओं को दें। वे इसकी जानकारी नजदीकी अस्पताल को देकर वहां से एंबुलेंस बुलाकर ऐसे मरीजों को सदर अस्पताल रेफर करेंगे। बाहर से आने वाली लोगो को तत्काल घर में ही आइसोलेशन में रहने का निर्देश उन्हें दें।
सिविल सर्जन ने कहा, वेटरनरी दवा की दुकान को भी दुकानदार खोलें। पशु चिकित्सक पशु के इलाज पशु कोई कोताही ना बरतें ताकि पशुओं का भी इलाज सही ढंग से हो सके। पशुओं की दवा की दुकान में दवा मिलने में कोई दिक्कत ना हो। सिविल सर्जन ने कहा,कोरोना से संक्रमित जो नहीं है उन्हें मास्क लगाने की कोई जरूरत नहीं है।
डॉक्टर व पारा मेडिकल स्टाफ को मास्क व सैनिटाइजर 72 घंटे के अंदर उपलब्ध कराया जाएगा। आम आदमी को जो स्वस्थ हैं उन्हें मास्क लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है। सेनेटाइजर का उपयोग से स्किन डिजीज का खतरा बना रहता है। ऐसे में, सैनिटाइजर का अधिक उपयोग न करें।
चिकित्सकों ने बैठक में कहा, लॉकडाउन के कारण पारा मेडिकल स्टाफ को क्लीनिक पर आने जाने में परेशानी होगी। इसपर सदर एसडीओ श्री सिंह ने कहा, पारा मेडिकल स्टाफ मेडिकल स्टोर आदि अत्यावश्यक सेवा में आता है। ऐसे लोगों को प्रशासन पास निर्यात करेगा, जिससे उन्हें आने-जाने में कोई परेशानी नहीं होगी। बैठक में शहर के कई चिकित्सक मौजूद थे।