Madhubani School Closed: कड़ाके की सर्दी और लगातार गिरते पारे ने जनजीवन को तो प्रभावित किया ही है, अब इसका असर नौनिहालों की पढ़ाई पर भी दिख रहा है।
कड़ाके की ठंड का सितम: मधुबनी स्कूल बंद, 31 दिसंबर तक शिक्षण कार्य स्थगित
ठंड के चलते मधुबनी स्कूल बंद: बच्चों के स्वास्थ्य पर बड़ा फैसला
मधुबनी जिले में इन दिनों शीतलहर का प्रकोप जारी है। अत्यधिक ठंड और भीषण ठिठुरन के कारण बच्चों के स्वास्थ्य और उनके जीवन पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। जिलाधिकारी, मधुबनी के आदेशानुसार, जिले के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में कक्षा 01 से 08 तक की शैक्षणिक गतिविधियों को 31 दिसंबर 2025 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा और उनके बेहतर स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लिया गया है। इस आदेश के दायरे में निजी विद्यालयों के साथ-साथ प्री-स्कूल और सभी कोचिंग संस्थान भी शामिल हैं। गौरतलब है कि सभी सरकारी स्कूल पहले से ही 31 दिसंबर तक बंद चल रहे हैं।
जिला शिक्षा पदाधिकारी, मधुबनी द्वारा जारी आदेश में इस बात को स्पष्ट किया गया है कि वर्तमान **तापमान में गिरावट** की स्थिति को देखते हुए बच्चों के लिए घर पर रहना ही सुरक्षित है। उन्होंने सभी विद्यालय प्रबंधन, शिक्षण संस्थानों और संबंधित पदाधिकारियों को इस आदेश का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। जिला प्रशासन ने अभिभावकों से भी मार्मिक अपील की है कि वे ठंड के इस मौसम में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर विशेष सतर्कता बरतें और उन्हें अनावश्यक रूप से घर से बाहर न भेजें। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
जिला प्रशासन का सख्त निर्देश और अभिभावकों से अपील
इस भीषण ठंड के बीच बच्चों को सुरक्षित रखना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। प्रशासन ने जहां शिक्षण संस्थानों को बंद करने का आदेश जारी किया है, वहीं अभिभावकों से भी अपने बच्चों का खास ध्यान रखने की गुजारिश की है। किसी भी तरह की आपदा या आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नंबर 06276-222576 निरंतर सक्रिय है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। “आपदा नहीं है भारी, यदि पूरी है तैयारी। सजग रहें, सतर्क रहें।” यह संदेश भी लगातार प्रसारित किया जा रहा है ताकि नागरिक किसी भी अप्रत्याशित स्थिति के लिए तैयार रहें। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी संस्थान आदेश का पालन करें, क्योंकि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है।


