मधुबनी – संदीप विश्वविद्यालय के परिसर में आज ‘’शिक्षण पद्धति के मुद्दे और भविष्य की संभावनाएं’’ विषय पर एक ज्ञानवर्धक सेमिनार का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। यह आयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो. अरुण कुमार द्विवेदी के प्रेरणादायक मार्गदर्शन और डॉ. संदीप झा के सक्रिय संरक्षण में संपन्न हुआ। इस सेमिनार का उद्देश्य वर्तमान शिक्षण पद्धतियों की चुनौतियों का विश्लेषण करना और भविष्य की शिक्षा प्रणाली को आकार देने वाली संभावनाओं पर गहन विचार-विमर्श करना था।
शिक्षा की बदलती तस्वीर
सेमिनार में शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों ने भाग लिया, जिन्होंने शिक्षण के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों और भविष्य की रणनीतियों पर अपने बहुमूल्य विचार प्रस्तुत किए। चर्चाओं का मुख्य केंद्र बिंदु यह रहा कि कैसे बदलती तकनीकी और सामाजिक परिदृश्य में शिक्षण विधियों को अधिक प्रभावी, छात्र-केंद्रित और भविष्य के लिए प्रासंगिक बनाया जा सकता है। वक्ताओं ने आधुनिक तकनीकों, जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म और इंटरैक्टिव टीचिंग टूल्स के उपयोग पर जोर दिया, ताकि छात्रों को 21वीं सदी के कौशल से लैस किया जा सके।
भविष्य की राहें
इस सेमिनार के माध्यम से यह स्पष्ट हुआ कि शिक्षा का भविष्य केवल पारंपरिक ज्ञान के हस्तांतरण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें आलोचनात्मक सोच, समस्या-समाधान और रचनात्मकता जैसे कौशलों का विकास भी शामिल होगा। प्रतिभागियों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि शिक्षकों को निरंतर प्रशिक्षण और नई शिक्षण तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता है ताकि वे छात्रों को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार कर सकें। सेमिनार का समापन भविष्य की शिक्षा प्रणाली के लिए एक सकारात्मक और आशावादी दृष्टिकोण के साथ हुआ।








