back to top
2 जुलाई, 2024
spot_img

रसूखदार लंबे कुर्ते वाले विदेश में कराए इलाज, खुटौना के लोग “रेफर टू यमलोक”

spot_img

देशज टाइम्स | Highlights -

Advertisement
Advertisement

इलाज के अभाव में दम तोड़ती जिंदगी: खुटौना में स्वास्थ्य व्यवस्था की दुर्दशा


खुटौना (मधुबनी)।
 बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर किए जाने वाले बड़े-बड़े दावे अक्सर जमीनी हकीकत के सामने खोखले साबित होते हैं। खुटौना प्रखंड क्षेत्र में सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा ऐसी है कि उन्हें “रेफर टू यमलोक” का जरिया कहा जा रहा है। मरीजों को इलाज के लिए लाने वाले परिजन यहां से अक्सर शव लेकर लौटते हैं।

विकास की बैलगाड़ी खींचते सत्ता के पुजारी

बिहार में उन्नत स्वास्थ्य व्यवस्था के खोखले दावों की आए दिन पोल खुलती ही रहती है। रसूखदार लंबे कुर्ते वाले विकास की बैलगाड़ी खींचते सत्ता के पुजारी खुद के पेट की गुदगुदी खुजाने भी विदेशों के अस्पताल में जाते हैं।

तकलीफों के मुद्दों को लेकर उतनी सजगता नहीं

वहीं, आम जिंदगी सरकारी अस्पतालों के यमदूतों के सहारे सीधा स्वर्ग के दरवाजे पर खड़े दिखाई देते हैं। आम लोगों के पास अपनी तकलीफों के मुद्दों को लेकर उतनी सजगता नहीं होती जितनी की मजहबी और राजनीतिक उन्माद के लिए पीएचडी करने की होती है।

इलाज के नाम पर सिर्फ आमलोगों की जान से खिलवाड़

बिगड़ते स्वास्थ्य व्यवस्था के संक्रमण को खुटौना प्रखंड क्षेत्र में सरलता से महसूस किया जा सकता है। प्रखंड के खुटौना सीएचसी से लेकर लौकहा, ललमनियां, बाघा कुशमार, पिपराही, एकहत्था जैसे तमाम छोटी-बड़ी जगहों पर सरकारी अस्पताल में इलाज के नाम पर सिर्फ आमलोगों की जान से खिलवाड़ किया जाता है।

सरकारी अस्पतालों का हाल

  • खुटौना सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र):
    • जिले में कागजों पर अव्वल बताया जाने वाला यह अस्पताल इलाज के बजाय मरीजों को मौत की ओर धकेलने के लिए बदनाम है।
    • मरीजों को इलाज के नाम पर “तू चल, मैं आया” की नीति अपनाई जाती है।
  • अन्य स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति:
    प्रखंड के लौकहा, ललमनियां, बाघा कुशमार, पिपराही, और एकहत्था जैसे क्षेत्रों में सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं नाम मात्र की हैं।
यह भी पढ़ें:  Madhubani, Saharsa, Munger अब बनेगा AirWorthy, सीधी विमान, खिलेंगे अरमान, भरेंगे उड़ान, 150 करोड़ मंजूर!

डॉक्टरों और निजी क्लीनिक का गठजोड़

  • सरकारी अस्पतालों की बदहाली के पीछे निजी क्लीनिकों का गढ़ बन चुका खुटौना क्षेत्र।
  • बगैर दक्ष चिकित्सकों के अवैध क्लीनिक धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं।
  • स्वास्थ्य पदाधिकारी डॉ. विजय मोहन केसरी पर “अरबों की सुविधाओं को नजरअंदाज कर निजी क्लीनिकों को बढ़ावा देने” का आरोप।

जनता पर असर: जानलेवा लापरवाही के किस्से

  1. मातृत्व सेवाओं का अभाव:
    • समय पर इलाज न मिलने के कारण कई महिलाओं ने नवजात को खो दिया।
    • नवजात शिशुओं की मृत्यु और प्रसव के दौरान माताओं की जान जाने की घटनाएं आम हैं।
  2. पशु चिकित्सा का भी अभाव:
    • क्षेत्र में बेजुबान जानवरों के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं।
  3. अवैध अल्ट्रासाउंड और भ्रूण हत्या:
    • “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान को धता बताते हुए अवैध अल्ट्रासाउंड मशीनों से कन्या भ्रूण हत्या की घटनाएं जारी हैं।

स्वास्थ्य व्यवस्था की अनदेखी

  • स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी सरकारी बजट खर्च होने के बावजूद यह क्षेत्र बदहाली का शिकार है।
  • कार्रवाई के नाम पर “कोरी खानापूर्ति” होती है।

खुटौना सीएचसी में तू चल मैं आया की तर्ज पर चल रहा इलाज

कागज पर जिला में अव्वल दर्जे पर काबिज खुटौना सीएचसी में तू चल मैं आया की तर्ज पर अक्सर मरीज की लाशों को मिट्टी में दफन करने के लिए भेज दिया जाता है। इंसान तो छोड़िए जब पूरे प्रखंड में बेजुबान पशुओं के इलाज के लिए कोई व्यवस्था नहीं है तो फिर निरीह इंसान की सुध कौन लेगा।

नौ महीने पेट में पालने के बाद एक मां चीत्कार भरती है

कलेजा सिहर जाता है जब नौ महीने पेट में पालने के बाद एक मां चीत्कार भरती है। पता चलता है कि उसके कलेजे के टुकड़े की सांसे छीन ली गई हैं। घरों के चिराग बुझ गए। मां की गोद उजड़ गई। उससे भी ज्यादा खौफनाक मंजर तब होता है जब किसी नवजात के दुनियां में आते ही उसके सिर से मां का आंचल छीन लिया जाता है।

यह भी पढ़ें:  Madhubani, Saharsa, Munger अब बनेगा AirWorthy, सीधी विमान, खिलेंगे अरमान, भरेंगे उड़ान, 150 करोड़ मंजूर!

डॉक्टर मरीज का उपचार करने की कोशिश तो करते हैं लेकिन

ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ महज एक संयोग है कि डॉक्टर मरीज का उपचार करने की कोशिश तो करते हैं लेकिन मौत तो भगवान के हाथ में है बल्कि आए दिन खुटौना सीएचसी में ऐसी घटनाएं होती ही रहती है। यहां के चिकित्सा पदाधिकारी डा. विजय मोहन केसरी न जाने कौन सी घूंट पीकर आए हैं कि अंगद की तरह जो पैर जमाए हैं कि फिर हिल ही नहीं रहे।

अरबों खर्च के बाद भी आम आदमी की जिंदगी..उलझी

प्रखंड सहित पूरे इलाक़े में आम जनता के अरबों रुपए सरकारी स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर खर्च करने के बावजूद यहां के कसाई लोगों को जिंदगी नहीं दे पाते, उल्टा उनके मौत के सौदे के लिए कुकुरमुत्तों की तरह गली-गली में निजी क्लीनिक का बाजार सजाने के लिए सुलभ वातावरण उपलब्ध कराते हैं। जिसका नतीजा है कि कोरी कार्रवाई के बावजूद धड़ल्ले से मानकों का उलंघन कर बगैर दक्ष चिकित्सकों के अवैध निजी क्लीनिक चल रहे हैं।

यह भी पढ़ें:  Madhubani, Saharsa, Munger अब बनेगा AirWorthy, सीधी विमान, खिलेंगे अरमान, भरेंगे उड़ान, 150 करोड़ मंजूर!

हंटर वाली कार्रवाई नहीं होगी, तब तक

बेटी बचाओ अभियान को आइना दिखाने के लिए अवैध अल्ट्रासाउंड की मदद से कोख में ही बेटी को बचा लिया जाता है। बाहर आने ही नहीं दिया जाता। लोगों की माने तो स्वास्थ्य विभाग पर जबतक हंटर वाली कार्रवाई नहीं होगी, तब तक कलयुग के ये कालनेमी ऐसे ही जिंदगी और मौत का खौफनाक खेल बेखौफ खेलते रहेंगे। जरूरत है कि मेडिकल माफिया गैंग की बड़ी मछलियों को जल्दी से जल्दी दबोचा जाए।

जनता की मांग: कठोर कार्रवाई की जरूरत

स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को मेडिकल माफिया गैंग पर शिकंजा कसने और निजी क्लीनिकों के अवैध संचालन को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। जनता का कहना है कि जब तक “हंटर वाली कार्रवाई” नहीं होगी, तब तक मौत का यह खतरनाक खेल जारी रहेगा।

“स्वास्थ्य सुधार” के वादों को अब वास्तविकता में

खुटौना में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की सख्त जरूरत है। जनता की जिंदगी से खिलवाड़ को रोकने के लिए न केवल दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। बिहार सरकार के “स्वास्थ्य सुधार” के वादों को अब वास्तविकता में बदलना ही होगा।

जरूर पढ़ें

Akasa Air Darbhanga| Darbhanga से Mumbai की सीधी उड़ान शुरू, ₹ किराया जानकर हो जाएंगें हैरान,रोजाना उड़ान

मिथिला का ऐतिहासिक पल: दरभंगा से मुंबई की सीधी उड़ान शुरू, किराया सिर्फ ₹5000!अब...

Muzaffarpur के कटरा-शिवदासपुर में कचरों का होगा उठाव, Solid और liquid Waste Management की बड़ी पहल

मुजफ्फरपुर/कटरा प्रखंड के शिवदासपुर पंचायत में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (Solid & Liquid...

Darbhanga Judge Farewell | सेवानिवृत्त प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद तिवारी को न्याय मंडल ने दी भावभीनी विदाई

दरभंगा न्यायिक सेवा में वर्षों की सेवा देने के बाद प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश...

Sakatpur Firing Case Solved | – 48 घंटे में केस खल्लास, वाह! Darbhanga Police, 4 आरोपी सलाखों के पीछे, ये थी गोली चलने की वजह?

दरभंगा ब्रेकिंग: गोलीकांड के 48 घंटे में पुलिस ने किए सारे आरोपी गिरफ्तार –...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें