इनकी रही खास मौजूदगीं
वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव एम. नागराजू, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक-नाबार्ड के अध्यक्ष केवी शैजी, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक निदेशक एम वी राव, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक सिडबी के अध्यक्ष सह-प्रबंध निदेशक मनोज मित्तल, वित्तीय सेवा विभाग के अपर सचिव एमपी तंगिराला और स्टेट बैक ऑफ इंडिया के उप-प्रबंध निदेशक सुरिंदर राणा ने भी ऋण आउटरीच कार्यक्रम में भाग लिया।
केंद्रीय वित्त मंत्री की देखरेख में किए जा रहे प्रयासों का विशेष उल्लेख
सम्राट चौधरी ने ऋण आउटरीच कार्यक्रम के लिए मधुबनी आने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री की देखरेख में किए जा रहे प्रयासों का विशेष उल्लेख किया।
70 वर्ष और अधिक आयु के कुछ वरिष्ठ नागरिकों को
सीतारमण ने इस अवसर पर विभिन्न बैंकों की ओर से 50,294 लाभार्थियों को 1,121 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए। क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम के दौरान 70 वर्ष और अधिक आयु के कुछ वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) कार्ड भी प्रदान किए गए।
सीतारमण ने विशिष्ट व्यक्तियों के साथ किया लगभग 25 स्टालों का दौरा
नाबार्ड और सिडबी ने विभिन्न ग्रामीण सड़क परियोजनाओं के लिए क्रमशः 155.84 करोड़ रुपये और 75.52 लाख रुपये से अधिक की मंजूरी की घोषणा की। सीतारमण ने विशिष्ट व्यक्तियों के साथ लगभग 25 स्टालों का दौरा किया। जहां बैंकों और नाबार्ड की ओर से वित्तपोषित उद्यमियों के विभिन्न स्थानीय उत्पाद और हस्तशिल्प प्रदर्शित किए गए थे।
निष्कर्ष
मधुबनी में क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम और ग्रामीण विकास की यह पहल स्थानीय लोगों के जीवन को सुधारने और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।