मधुबनी के नाम एक और साहित्य अकाडमी (Sahitya Akademi) का तमंगा जड़ गया है। स्थानीय मैथिली के लेखक और वरीय अधिवक्ता डॉ. वीरेंद्र झा को मैथिली भाषा साहित्य का बाल पुरस्कार मिला है। इसकी घोषणा होते ही पूरे मधुबनी समेत समस्त मिथिलांचल में खुशी की लहर दौड़ गई है।
जानकारी के अनुसार, मूलत: दुल्लीपट्टी गांव के रहने वाले डाॅ. वीरेन्द्र झा की अद्यतन बीस पुस्तकें प्रकाशित हैं। इनकी हालिया रचित मैथिली बालकथा-संग्रह ‘उड़न-छू’ ने बाजी मारते हुए उस उड़ान पर पहुंच गया जहां पहुंचना हर साहित्यकार का एक सपना होता है।
साहित्य अकादमी की ओर से बाल साहित्य पुरस्कार दिए जाने की घोषणा बुधवार को होते ही मैथिली प्रेमी साहित्यकारों समेत मधुबनी और जयनगर कोर्ट में खुशी की लहर दौड़ गई है। कारण, डॉ. वीरेंद्र झा मधुबनी और जयनगर कोर्ट में कार्यरत हैं। साहित्य अकादमी, दिल्ली के सचिव के श्रीनिवास राव और मैथिली भाषा के प्रतिनिधि डॉ.अशोक अविचल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष का बाल साहित्य पुरस्कार डॉ.वीरेंद्र को जाता है।
डाॅ. झा की अद्यतन बीस पुस्तकें प्रकाशित हैं। इसमे पांच पुस्तकें बाल साहित्य की शामिल है। इनकी कहानियों में बच्चों को भाषा, प्रकृति, पशु-पक्षी के प्रति जिम्मेदार होने की शिक्षा दी गई है। शिक्षा एवं वैज्ञानिक चेतना इन कहानियों के मूल में है। डॉ. झा के तीन बाल उपन्यास और एक बाल नाटक भी प्रकाशित हैं। वहीं, कई अन्य पुस्तकें प्रकाशनाधीन हैं।