सीजेएम ने किया मंडल कारा का औचक निरीक्षण, जेल सुप्रीटेंडेंट को दिए कई अहम निर्देश
मधुबनी, देशज टाइम्स ब्यूरो। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अंजनी कुमार गोंड ने शनिवार को मंडल कारा का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने कारा में किशोर बंदी को देख बिफर पड़े। तरुण वार्ड में 20 बंदियों में से करीब एक दर्जन बंदी प्रथम दृष्टया किशोर बताए गए हैं। सीजेएम ने मंडल कारा अधीक्षक जलज कुमार को निर्देश दिया कि कारा के बाहर नोटिस बोर्ड लगाकर अभिभावक को सूचित करें कि जिनके बच्चे की उम्र 18 वर्ष से कम हैं वे कोर्ट में प्रमाण पत्र के साथ अर्जी दाखिल करें। उन्हें न्याय मिलेगा।
उन्होंने पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि गिरफ्तारी के समय उम्र का सत्यापन जरूर करें। उम्र का सत्यापन नहीं करने के कारण इस तरह की परेशानी उत्पन्न हुई है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि किशोर को दंड देने के बजाए उसके व्यवहार में सुधार लाने की जरूरत है। जो जेल में संभव नहीं है।
निरीक्षण के क्रम में सीजेएम ने सभी पुरुष कैदी वार्ड, महिला वार्ड तथा किचन का बारी-बारी से निरीक्षण किया। कारा में बंद विदेशी नाइजीरियन एवं तंजानिया के नागरिकों से भी मुलाकात की। कारा अस्पताल जाकर चिकित्सकों से उपलब्ध दवा एवं अन्य जरूरी उपकरणों के बारे में जानकारी ली।
कारा अधीक्षक जलज कुमार ने बताया कि मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने आधी से अधिक सजा काट चुके बंदियों की रिपोर्ट भेजने तथा कारा के बाहर नोटिस बोर्ड लगाने का निर्देश दिया है। निरीक्षण के दौरान न्यायिक दंडाधिकारी शत्रुंजय कुशवाहा, गोविंद ठाकुर भी मौजूद थे।