
मधुबनी के मेले में मौत को दावत? भीड़ उमड़ी, नियम गायब – मेले के झूलों पर बच्चों की सुरक्षा दांव पर। बिना अनुमति लगे झूले, प्रशासन चुप। मधुबनी मेले में हादसे का डर! सभी नियम कानून ताक पर! इंद्र पूजा मेले में झूलों पर झूल रही ज़िंदगियां। बिना परमिशन झूले, भीड़ का सैलाब – हादसा हुआ तो जिम्मेदार कौन? मधुबनी मेले में झूलों का खेल, सुरक्षा भगवान भरोसे! हादसे की आशंका। प्रशासन की आंखों के सामने लापरवाही! इंद्र पूजा मेले में बिन अनुमति लगे झूले।@मधुबनी देशज टाइम्स।
मधुबनी के इंद्र पूजा मेले में बिना अनुमति लगे झूले, सुरक्षा पर उठे सवाल
मधुबनी, देशज टाइम्स। इंद्र पूजा मेले की रौनक इस बार लोगों की सुरक्षा पर भारी पड़ सकती है। जिले के विभिन्न इलाकों में आयोजित 10 दिवसीय इंद्र पूजा मेले में रंग-बिरंगे झूले तो जरूर लगाए गए हैं, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इन झूलों को जिला प्रशासन या स्थानीय अधिकारियों की अनुमति नहीं मिली है।
नियमों को ताक पर लगाकर लगा झूला
सूत्रों के अनुसार, झूला संचालकों के पास अनुमति पत्र नहीं है। पूछने पर झूला संचालकों ने भी साफ कहा कि उनके पास कोई प्रशासनिक अनुमति नहीं है, केवल इंद्र पूजा कमेटी की सहमति से झूला लगाया गया है।
वहीं, इंद्र पूजा कमेटी का कहना है कि मेले में झूला लगाने के लिए जिला प्रशासन से कोई औपचारिक अनुमति नहीं दी गई है, सिर्फ “व्यावहारिक स्तर” पर झूले लगाए गए हैं।
सुरक्षा से जुड़ी बड़ी लापरवाही
झूला लगाने के लिए सामान्य तौर पर जिन चीजों की अनिवार्यता होती है, उनमें शामिल हैं—झूला संचालक और कर्मचारियों की पहचान जांच, फायर सेफ्टी प्रमाण पत्र, तकनीकी निरीक्षण रिपोर्ट, मेडिकल इंस्ट्रूमेंट्स की उपलब्धता, झूला स्थल पर अनुमति पत्र का प्रदर्शन। लेकिन इस बार सभी नियम-कानून को ताक पर रखकर झूले लगाए गए हैं।
भीड़ और खतरा दोनों बढ़े
मेले में रोज़ाना महिलाएं, बच्चे और युवा बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं। आकर्षक झूले लोगों को अपनी ओर खींच रहे हैं, जिससे मेले की आमदनी तो बढ़ रही है, लेकिन सुरक्षा के मोर्चे पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
जिम्मेदारी किसकी होगी?
अगर किसी झूले में दुर्घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? जिला प्रशासन की? मेला कमेटी की? या फिर झूला संचालकों की? यह बड़ा सवाल है, जिसका जवाब केवल जिला प्रशासन ही दे सकता है।